डीएनए हिंदी: राजस्थान में लाल डायरी का मु्द्दा गहराता जा रहा है. पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक मदन दिलावर को सदन में उनके अमर्यादित आचरण के लिए सोमवार को विधानसभा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया. सदन में सोमवार को कई बार हंगामा देखने को मिला जिसकी शुरुआत शून्यकाल के दौरान राजेंद्र गुढ़ा द्वारा एक कथित ‘लाल डायरी’ का मुद्दा उठाने से हुई. जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि उनके पास सीएम अशोक गहलोत नीत सरकार की वित्तीय अनियमितताओं का विवरण है. कांग्रेस विधायक गुढ़ा के साथ-साथ भाजपा के मदन दिलावर को भी अध्यक्ष सीपी जोशी ने मणिपुर में जातीय हिंसा पर एक प्रस्ताव पारित करने के दौरान हंगामा करने के कारण विधानसभा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
मंत्री पद से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा को विधानसभा में स्पीकर के सामने लाल डायरी लहराने के लगे. जिससे नाराज स्पीकर सीपी जोश ने गुढ़ा को मार्शलों को आदेश देकर सदन से बाहर करवा दिया. उन्होंने स्पीकर के सामने खड़े होकर सदन में कहा कि यह वही लाल डायरी है जिसमें विधायकों की खरीदफरोख्त का पूरा हिसाब है. सदन से बाहर निकाले जाने के बाद गुढ़ा ने आरोप लगाया कि मुझसे लाल डायरी छीन ली गई जिसमें बहुत से काले सच छिपे थे.
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ED के छापे के दौरान छुपाई गई डायरी
गुढ़ा ने दावा किया कि यह लाल डायरी उन्हें राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के घर पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आयकर विभाग की छापेमारी के दौरान मिली थी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने छापे के दौरान डायरी सुरक्षित करने के लिए उन्हें राठौड़ के घर जाने के लिए कहा था. गुढ़ा ने दावा किया कि कथित तौर पर राठौड़ द्वारा लिखी गई डायरी में विधायकों को दिए गए पैसे का विवरण है और अशोक गहलोत के साथ-साथ उनके बेटे वैभव गहलोत का भी उल्लेख है. शून्यकाल के दौरान जब पूर्व मंत्री विधानसभा पहुंचे तो भाजपा विधायक उस डायरी का मुद्दा उठा चुके थे, जिसका जिक्र गुढ़ा ने एक दिन पहले किया था.
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गुढ़ा ने कहा कि वह लाल डायरी को स्पीकर को सौंपना चाहते थे लेकिन स्पीकर जोशी ने उन्हें अनुमति नहीं दी. जोशी ने गुढ़ा से उनके कक्ष में आने को कहा. गुढ़ा व जोशी में काफी देर बहस होती रही. इसके बाद गुढ़ा संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के पास पहुंचे. इस दौरान दोनों के बीच भी कुछ बहस हुई. इस बीच, कांग्रेस विधायक रफीक खान ने गुढ़ा को एक तरफ किया. सत्ता पक्ष के कई मंत्री वहां पहुंच गए. इस दौरान माहौल काफी हंगामेदार हो गया. विपक्ष के कई विधायकों ने प्रतीकात्मक ‘लाल डायरी’ ले रखी थीं. इसके बाद जोशी ने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा की. गुढ़ा ने बाद में दावा किया कि वह धारीवाल के पास केवल यह कहने गए थे कि वह एक बयान देना चाहते हैं.
'डायरी में करोड़ों का लेनेदेन का हिसाब'
उन्होंने कहा, ‘लेकिन कांग्रेस विधायकों ने मुझे धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और मुझे पकड़ लिया. धारीवाल समेत उनमें से कुछ ने मुझे लात मारी और मुझसे डायरी छीन ली. हालांकि, डायरी का कुछ हिस्सा अभी भी मेरे पास है.’ गुढ़ा ने कहा कि वह मंगलवार को लोगों के बीच जाएंगे और डायरी का ‘राज’ उजागर करेंगे. जब डायरी की सामग्री के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने दावा किया, ‘डायरी धर्मेंद्र राठौड़ द्वारा लिखी गई है. इसमें अशोक गहलोत और उनके बेटे का नाम है. इसमें वित्तीय लेनदेन का-विधायकों को दिए गए पैसे का विवरण है. लाखों में नहीं, बल्कि 2-5 करोड़ रुपये की रकम थी.’ उन्होंने कहा कि विधायकों का नार्को टेस्ट कराया जाना चाहिए.
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लाल डायरी में क्या छुपा है राज? जिसने CM गहलोत की बढ़ाई टेंशन