डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) भले ही विधायकों और सांसदों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ी सियासी पार्टी बन गई हो लेकिन अकेले चलने में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को डर लगता है. यही वजह है कि शिवसेना से अलग होने के बाद अब बीजेपी को फिर ठाकरे परिवार के मजबूत साथ की जरूरत है.
साल 2019 में चुनाव के बाद शिवसेना से मिले झटको को बीजेपी बर्दाश्त नहीं कर पाई है. महाविकास अघाड़ी सरकार का हिस्सा होने के बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के तेवर बीजेपी के लिए इतने तल्ख हो गए हैं कि अब उन्हें मनाने की बीजेपी सोच भी नहीं सकती है.
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महाराष्ट्र में मजबूत पार्टनर चाहती है बीजेपी
बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के चुनाव बेहद नजदीक हैं. बीजेपी को एक मजबूत पार्टनर की तलाश है. एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर बीजेपी को बहुत भरोसा नहीं है. ऐसे में बीजेपी को उम्मीद है अगर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का साथ निकाय चुनावों में मिल जाए तो बीजेपी के लिए राह आसान हो जाए.
राज ठाकरे से लगातार मिल रहे हैं बीजेपी नेता
राज ठाकरे से बीजेपी नेताओं की एक के बाद एक हो रही कई दौर की मुलाकातें तो इसी ओर इशारा कर रही हैं. हालांकि राज ठाकरे बीजेपी के लिए ट्रबल मेकर ही हो सकते हैं. उनके साथ जाने का मतलब है यूपी और बिहार के लोगों की नाराजगी मोल लेना.
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उद्धव ठाकरे के तेवर बीजेपी के लिए ठीक नहीं
राज ठाकरे क्षेत्रवादी राजनीति करते हैं. उन पर नया-नया हिंदुत्ववादी होने का रंग भी चढ़ा है. नए रंग को जनता गले से नीचे नहीं उतार पा रही है और पुराना रंग उनका ऐसा है जिस पर यूपी-बिहार के लोग बीजेपी को घेर लेंगे. दोनों को अपने राज्य से बाहर निकालने की बात राज ठाकरे करते रहे हैं. यहां के लोगों को भैया भी वही बुलाते हैं. ऐसे में अगर बीजेपी उनके साथ जाएगी तो तगड़ा झटका लगेगा.
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ठाकरे परिवार का साथ चाहती है बीजेपी
BMC चुनाव के मद्देनजर BJP लगातार MNS को लुभाने की कोशिश कर रही है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने मंगलवार को मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके आवास पर मुलाकात की. बावनकुले दोपहर के करीब दादर के शिवाजी पार्क इलाके में स्थित मनसे प्रमुख के आवास 'शिवतीर्थ' पहुंचे और उनसे मुलाकात की. एक दिन पहले बीजेपी के एक अन्य नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री विनोद तावड़े ने राज ठाकरे से मुलाकात की थी.
उद्धव नहीं तो राज सही!
BMC के लिए 2017 में हुए चुनाव में BJP ने 82 सीटें जीती थीं. शिवसेना के दो गुटों में बंटने के बीच BJP मराठी लोगों के वोट हासिल करने के लिए मनसे को लुभाने की कोशिश कर रही है. बीएमसी चुनाव की तारीखों की घोषणा अब तक नहीं हुई है. बीजेपी के रुख ने यह साफ कर दिया है कि उसे महाराष्ट्र में किसी ने किसी ठाकरे की पार्टनरशिप चाहिए. अगर उद्धव ठाकरे नहीं तो राज ठाकरे ही सही.
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ठाकरे परिवार के मोह से नहीं निकल पा रही BJP, उद्धव नहीं तो राज ठाकरे सही!