राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो न्याय यात्रा (Bharat Jodo Nyay Yatra) पर हैं. उनकी यात्रा इन दिनों उत्तर प्रदेश पहुंची हुई है. यहां प्रयागराज में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने राम मंदिर उद्घाटन को लेकर प्रधानमंत्री की आलोचना की. अब आप कहेंगे कि इसमें कौन सी बड़ी बात हो गई? बड़ी बात ये हुई कि अकसर पीएम मोदी और अडानी की दोस्ती पर कटाक्ष करने वाले राहुल गांधी ने बॉलीवुड की बच्चन फैमिली को भी घसीट लिया. पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए बच्चन परिवार का नाम लिया, लेकिन क्यों लिया ? इसकी वजह आपको बताएंगे. DNA TV Show में बच्चन परिवार के नेहरू-गांधी परिवार से रिश्तों की बारीक पड़ताल की गई है.
राहुल गांधी ने लिया बच्चन परिवार का नाम
आपके लिए भी ये कनेक्शन जोड़ना थोड़ा मुश्किल हो रहा होगा कि राम मंदिर उद्घाटन में अमिताभ बच्चन के आने और ओबीसी, दलितों के ना आने से क्या लेना देना है? हमारे लिए भी इसका कनेक्शन जोड़ना मुश्किल हो रहा है. शायद राहुल गांधी ने सिर्फ बोलने के लिए बोल दिया होगा.सोचा होगा कि बच्चन परिवार भी प्रयागराज का है और न्याय यात्रा भी प्रयागराज में है. बच्चन परिवार का नाम लेकर थोड़ी सुर्खियां बटोर ली जाएं, लेकिन इस चक्कर में वो बच्चन परिवार के साथ अन्याय कर बैठे. राहुल गांधी का बयान भी पूरी तरह से सही नहीं है.
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राम मंदिर उद्घाटन समारोह में अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन वहां मौजूद थे, लेकिन ऐश्वर्या मौजूद नहीं थीं. हालांकि, हो सकता है कि राहुल गांधी को किसी ने बता दिया हो कि ऐश्वर्या भी आईं थी. वैसे भी राहुल गांधी को इससे कुछ खास फर्क पड़ता नहीं है, क्योंकि ऐसा कोई पहली बार थोड़े ही हुआ है कि राहुल गांधी ने कोई Factually Incorrect बात बोली हो. मुद्दा ये है कि आखिर राहुल गांधी ने राम मंदिर उद्घाटन में अमिताभ बच्चन एंड फैमिली का नाम क्यों घसीटा ? इसके पीछे राहुल गांधी का क्या एजेंडा है? बार-बार लगातार अपने भाषणों में बच्चन परिवार का नाम ले रहे हैं. आज भी राहुल गांधी ने ऐसा ही किया है.
राम मंदिर में हुई थी पीएम मोदी और अमिताभ की भेंट
क्या राहुल गांधी को ये बात चुभ गई कि राममंदिर उद्घाटन के बाद सभी मेहमानों से मिलते हुए पीएम मोदी ने अमिताभ बच्चन से रुककर थोड़ी बात कर ली? उनका हालचाल पूछ लिय ? पीएम मोदी और अमिताभ बच्चन की इस छोटी सी मुलाकात से राहुल गांधी के दिल को इतनी बड़ी ठेस क्यों पहुंची?
बच्चन परिवार से राहुल के रिश्ते की रही है पुरानी कहानी
इसकी भी एक लंबी कहानी है. इसके बारे में आपमें से कई लोग जानते भी होंगे. एक वक्त था जब राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन बचपन के दोस्त हुआ करते थे. शायद राहुल गांधी को ये बात चुभ गई होगी कि उनके पिता के दोस्त अमिताभ बच्चन प्रधानमंत्री मोदी के इतने नजदीक कैसे आ गए हैं?
राम मंदिर उद्घाटन में अमिताभ बच्चन का पहुंचना इतनी बड़ी बात तो नहीं थी. जितना बतंगड़ राहुल गांधी ने इस बात का बना दिया है. इससे पता चलता है कि राहुल गांधी भूल चुके हैं कि वो अमिताभ बच्चन को कभी मामा कहा करते थे. उन्हें सिर्फ ये याद है कि उनके पिता राजीव गांधी ने कभी अमिताभ बच्चन को सांप कहा था. आज हम बच्चन और गांधी परिवार की इसी दोस्ती और फिर अलगाव के बारे में आपको बताएंगे.
नेहरू और अमिताभ के पिता के बीच थी दोस्ती
आजादी के कुछ वर्षों बाद ही अमिताभ बच्चन के पिता हरिवंशराय बच्चन की जवाहरलाल नेहरु से पहली मुलाकात सरोजिनी नायडू ने करवाई थी. अमिताभ की माता तेजी बच्चन और इंदिरा गांधी की पहली मुलाकात प्रयागराज यानी तब के इलाहाबाद में आनंद भवन में हुई थी. पहली ही मुलाकात में दोनों दोस्त बन गईं थीं.राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन की पहली मुलाकात अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर हुई थी. उस समय अमिताभ बच्चन चार वर्ष के थे और राजीव गांधी की उम्र सिर्फ दो साल थी.
अमिताभ को राखी बांधती थीं सोनिया गांधी
बच्चन और गांधी परिवार की ये दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि वर्ष 1967 में जब सोनिया गांधी शादी से पहले जब पहली बार भारत आईं. तो बच्चन परिवार के घर में ही आकर रुकीं. शादी से पहले लड़की का अपने ससुराल में रहना अच्छा नहीं माना जाता है.
इसके बाद 25 फरवरी 1968 में राजीव गांधी और सोनिया गांधी की शादी हुई तो हरिवंश राय बच्चन ने सोनिया के पिता की भूमिका निभाई थी. इस हिसाब से सोनिया का मायका बच्चन परिवार का घर हो गया. सोनिया गांधी ने राखी बांधकर अमिताभ बच्चन को अपना भाई बनाया था.इस रिश्ते से देखें तो राहुल और प्रियंका के लिए अमिताभ बच्चन मामा हुए. यहां तक सबकुछ बिलकुल ठीक चल रहा था, लेकिन फिर बच्चन और गांधी परिवार के रिश्ते में राजनीति आ गई.
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इंदिरा गांधी ने अमिताभ को राजनीति से दूर रखने की दी थी सलाह
ये दौर था 1980 का जब इंदिरा गांधी ने तेजी बच्चन की जगह नरगिस को राज्यसभा का टिकट दे दिया था. तेजी बच्चन इस बात से बेहद नाराज हो गई थीं और इनके बीच कहा सुनी भी हुई थी. इस बात का खुलासा सूर्या नाम की पत्रिका में हुआ था. जिसकी एडिटर इंदिरा गांधी की बड़ी बहू मेनका गांधी थीं.
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन कांग्रेस सेक्रेटरी M.L. फोतेदार ने 2015 में आई अपनी किताब The Chinar Leaves: A Political Memoir में लिखा था कि अपनी हत्या से कुछ दिन पहले इंदिरा गांदी ने राजीव को बुलाया था और कहा था कि भविष्य में कभी भी दो चीजें मत करना. जिसमें एक चीज थी कि कभी भी तेजी के बेटे अमिताभ बच्चन को पॉलिटिक्स में लेकर मत आना और दूसरी चीज ये थी कि माधवराव सिंधिया को कभी अपनी कैबिनेट में शामिल मत करना.
राजीव की वजह से राजनीति में उतरे अमिताभ बच्चन
फोतेदार ने अपनी किताब में लिखा है कि उस वक्त राजीव गांधी अपनी मां की बात सुनकर चौंक गए थे, क्योंकि राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन इतने पक्के दोस्त थे कि दोनों एक दूसरे की बात कभी नहीं टालते थे.रशीद किदवई ने अपनी किताब नेता-अभिनेता - Bollywood Star Power in Indian Politics में लिखा है कि अमिताभ और राजीव की नजदीकियां इतनी थीं कि कई बार सरकार के कुछ अहम फैसले भी अमिताभ बच्चन से मशवरे के बाद लिए जाते थे.
इसका जीता-जागता उदाहरण दुनिया ने तब देखा जब अपनी मां इंदिरा गांधी की नसीहत को नजरअंदाज करके राजीव गांधी ने अमिताभ बच्चन को राजनीति में आने के लिए कहा. राजनीति में दिलचस्पी ना रखने वाले अमिताभ भी अपने दोस्त राजीव को इंकार नहीं कर पाए.
आठवें लोकसभा चुनाव में अमिताभ बच्चन को 68 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले, क्योंकि तब तक अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के सुपर स्टार बन चुके थे. इसका फायदा उन्हें चुनाव में हुआ और उन्होंने आसानी से जीत हासिल कर ली. अमिताभ बच्चन का राजनीतिक करियर छोटा सा रहा. 1985 से 1987 तक. अमिताभ बच्चन तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कई अहम फैसलों में शामिल रहते थे.
बोफोर्स घोटाले ने हिला दी दोस्ती की नींव
बोफोर्स घोटाले ने राजीव गांधी सरकार की नींव हिला दी. राजीव गांधी का दोस्त होने की वजह से अमिताभ बच्चन का नाम भी इस घोटाले में घसीटा गया. अमिताभ बच्चान ने इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और बाइज्जत बरी भी हुए । लेकिन इसकी वजह से राजीव गांधी से उनके रिश्ते खराब हो गए. इसके बाद अमिताभ ने इस्तीफा दे दिया.
राजनीति की वजह से आई दरार
कहते हैं कि राजीव गांधी ने ही अमिताभ को इस्तीफा देने के लिए कहा था. इसके बाद अमिताभ ने राजनीति की तरफ दोबारा मुड़कर नहीं देखा. इसी के साथ ही बच्चन और गांधी परिवार के पारिवारिक रिश्ते अलगाव में बदल गए.नब्बे के दशक में जब बच्चन परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा था तब सोनिया गांधी ने भी उनकी सुध नहीं ली. सोनिया अमिताभ को अपना भाई मानती थीं.
राजीव गांधी का जिक्र अमिताभ ने शालीन ढंग से किया
अब हम आपको Zee Archive से अमिताभ बच्चन का करीब पच्चीस साल पुराने इंटरव्यू के बारे में बताना चाहते हैं. इसमें उन्होंने राजीव गांधी से अपनी दोस्ती टूटने के बारे में बात की थी. इंटरव्यू में उन्होंने गांधी परिवार पर कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि राजीव गांधी से अपनी दोस्ती से अलगाव तक जो भी बात कही,बड़े ही सभ्य और शालीन तरीके से कही. यहां तक कि मनमुटाव होने के बावजूद अमिताभ बच्चन ने कभी भी राजीव गांधी से अपनी दोस्ती नहीं तोड़ी. कहते हैं कि राजीव गांधी के अंतिम संस्कार में सारी जिम्मेदारियां अमिताभ बच्चन ने निभाईं थीं.
सोनिया गांधी से खराब हुए बच्चन परिवार के रिश्ते
राजीव गांधी की मौत के बाद सोनिया गांधी ने अमिताभ बच्चन को राखी बांधना बंद कर दिया . बच्चन-गांधी परिवार के बीच रिश्ते का आखिरी धागा भी टूट गया. इसके बाद कभी सोनिया गांधी ने अमिताभ बच्चन का नाम तक नहीं लिया. अब राहुल गांधी अपनी सभाओं में बच्चन परिवार का नाम लेकर मोदी सरकार पर निशाने साध रहे हैं.
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