लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ी याचिका परर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जाना चाहिए या नहीं, वह इस पर विचार कर रही है. कोर्ट ने इस मामले में गृह मंत्रालय से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है.
डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडे ने कहा कि 19 दिसंबर को सरकार अपने फैसले की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई, जिसमें दावा किया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है. इसलिए उनकी भारत नागरिकता रद्द होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को राहुल गांधी के पास कथित विदेशी नागरकिता होने की वजह से भारतीय नागरिकता रद्द करने की मांग की जानकारी मिली है. सरकार इसकी जांच कर रही है. डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि न्यायालय ने आदेश दिया कि तीन हफ्ते के अंदर यानी 19 दिंसबर तक सरकार एविडेंस प्रस्तुत करे और फैसला करे कि क्या इस मामले में कार्रवाई हो?
बता दें कि कर्नाटक के रहने वाले एस विग्नेश ने राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती दी है. उन्होंने 12 सितंबर को जनहित याचिका दायर की थी. इससे पहले राहुल गांधी की नागरिकता को चुनौती देने वाली याचिका पर 24 अक्टूबर को लखनऊ बेंच में सुनवाई हुई थी.
'SC-ST के सामने खड़ी दीवार मजबूत कर रहे मोदी'
राहुल गांधी ने मंगलवार को RSS और पीएम मोदी पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्गों के सामने खड़ी दीवार को मजबूत करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार के समय इस दीवार को कमजोर करने काम जितनी मजबूती से होना था, वो नहीं हो पाया.
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राहुल गांधी की नागरिकता पर 19 दिसंबर को होगा फैसला, गृह मंत्रालय ने इलाहाबाद HC में दी जानकारी