डीएनए हिंदी: अगले महीने दो बड़ी घटनाएं होने जा रही हैं. 22 जनवरी को अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस ऐतिहासिक दिन लाखों लोग जुड़ेंगे, जो अलग-अलग माध्यमों से इस पावन घटना को देखेंगे. केंद्र सरकार इस घटना को ऐतिहासिक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. ये सच है कि मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा खबरों में छाई रहेगी. इसका सबसे ज्यादा लाभ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी उठाना चाहेगी. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने मीडिया और जनता का ध्यान खींचने के लिए प्राण प्रतिष्ठा के दिन से 1 हफ्ता पहले ही एक यात्रा शुरू करने की घोषणा की है. इस यात्रा का नाम 'भारत न्याय यात्रा' है.
बता दें कि राहुल गांधी ने पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा की थी, जिसमें वो कन्याकुमारी से कश्मीर तक गए थे. ठीक वैसे ही राजनीतिक हितों और कुछ खास मुद्दों को लेकर कांग्रेस पार्टी उन्हें एक और यात्रा पर भेज रही है. ये नई यात्रा मणिपुर से शुरू होगी और महाराष्ट्र के मुंबई में खत्म होगी. DNA में आज हम कांग्रेस पार्टी की इन दोनों यात्राओं का विश्लेषण करने वाले हैं. लेकिन सबसे पहले हम आपको भारत न्याय यात्रा के बारे में बताना चाहते हैं.
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इन 14 राज्यों से गुजरेगी यात्रा
कांग्रेस की 'भारत न्याय यात्रा' 14 जनवरी को मणिपुर से शुरू होगी और 20 मार्च को महाराष्ट्र के मुंबई में जाकर खत्म होगी. इस दौरान राहुल गांधी 65 दिन इस यात्रा में गुजारेंगे. इस यात्रा के दौरान राहुल 6 हजार 200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. यात्रा का बड़ा हिस्सा बस के जरिए तय किया जाएगा और बीच-बीच में वह पैदल यात्रा भी करेंगे. भारत न्याय यात्रा 14 राज्यों से होकर गुजरेगी, जिसमें करीब 85 जिले रास्ते में पड़ेंगे. इन 14 राज्यों में मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र हैं
राहुल गांधी की इस नई यात्रा का मकसद देश की 355 लोकसभा सीटों को कवर करना है. जिन राज्यों से ये यात्रा गुजरेगी, उन राज्यों में कुल 355 लोकसभा सीटें पड़ती हैं. कांग्रेस को पूरा भरोसा है कि भारत न्याय यात्रा में राहुल गांधी को जनता का पूरा समर्थन मिलेगा. कांग्रेस का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल को जनता का समर्थन मिला था, ठीक वैसे ही इस बार भी मिलेगा. देखा जाए तो कांग्रेस इस यात्रा को चुनावी यात्रा नहीं मान रही है. लेकिन जिस दिन ये यात्रा खत्म होगी. उसी दिन से कांग्रेस चुनावी बिगुल फूंकेगी. यानी इस यात्रा के जरिए कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटों को कवर करना चाहती है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बीच अपनी यात्रा के जरिए मीडिया और सोशल मीडिया में BUZZ भी बनाना चाहती है.
कांग्रेस ने बताया भारत न्याय यात्रा का मतलब
इस यात्रा के मकसद को लेकर जब सवाल पूछे गए तो इसके बारे में जयराम रमेश ने ट्वीट के जरिए बताया. अपनी एक्स पोस्ट में उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का पेज डालते हुए लिखा कि भारत न्याय यात्रा आर्थिक न्याय के लिए, सामाजिक न्याय के लिए और राजनीतिक न्याय के लिए है. हालांकि, बीजेपी की नजर में इस यात्रा के अन्य मायने हैं. उसने अभी से इस यात्रा को निशाने पर ले लिया है.
कांग्रेस पार्टी का मानना है कि भारत जोड़ो यात्रा की वजह से उन्हें कर्नाटक और तेलंगाना के विधानसभा चुनावों में सफलता मिली है. यही वजह है कि वो लोकसभा चुनावों से ठीक पहले एक और यात्रा करके अपने पक्ष में माहौल बना लेंगे. मणिपुर, कांग्रेस के लिए बड़ा मुद्दा है.
मणिपुर में हुई जातीय हिंसा को कांग्रेस पार्टी, केंद्र सरकार के खिलाफ इस्तेमाल करना चाहती है. यही वजह है कि इस यात्रा की शुरुआत के लिए मणिपुर को चुना गया है, जहां कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे. लेकिन उत्तर पूर्वी राज्य से यात्रा की शुरुआत को लेकर असम के विधानसभा स्पीकर ने राहुल गांधी से तीखे सवाल पूछे हैं.
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