डीएनए हिंदीः दिल्ली की साकेत कोर्ट में आज यानी मंगलवार को कुतुबमीनार परिसर (Qutub Minar) में पूजा की इजाजत की मांग से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई होनी है. पिछली सुनवाई में खुद को पक्षकार बनाने की मांग करने वाले महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह के वकील कोर्ट में नहीं पहुंचे थे. इसके बाद सुनवाई टाल दी गई थी. कोर्ट में आज जिस याचिका पर सुनवाई होनी है जिसमें एक व्यक्ति ने आगरा से लेकर मेरठ तक की जमीन को अपनी पुश्तैनी विरासत बताया है और इस लिहाज से कुतुब मीनार पर भी अपना अधिकार बताया है. कुतुबमीनार से जुड़ी कई और याचिकाओं पर भी सुनवाई की जा रही है.
कुतुब मीनार मामले में क्या हुआ?
दिल्ली के कुतुब मीनार को लेकर लगातार विवाद जारी है. हिंदू संगठन ने याचिका दायर की है कि कुतुब मीनार को 27 हिंदू देवी-देवताओं और जैन मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है. इसलिए इसमें पूजा करने की अनुमति दी जाए. याचिका में कुतुबमीनार को विष्णु स्तंभ बताया गया है. याचिका में इस मंदिर के जीर्णोद्वार की मांग की गई है. एएसआई ने मंदिर होने के दावे को खारिज किया है. एएसआई के एडवोकेट सुभाष गुप्ता ने कहा था कि अदालत के आदेश से छेड़छाड़ का कोई आधार नहीं है. कोर्ट में इसके मालिकाना हक को लेकर एक नई याचिका दायर हो गई है. ऐसे में कोर्ट ने कहा कि जब तक मालिकाना हक के मामले में अंतिम फैसला नहीं आ जाता, तब तक पूजा की अनुमति देने वाली याचिका पर फैसला नहीं दिया जा सकता है. मालिकाना हक वाली याचिका पर अब कोर्ट आज सुनवाई करेगा.
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याचिका में क्या की गई मांग
हिंदू पक्ष की ओर से दलील दी गई है कि कुतुब मीनार के भीतर बनी मस्जिद हिन्दू और जैन धर्म के 27 मंदिरों को तोड़ कर बनाई गई है. याचिका में कहा गया है कि वहां फिर से मूर्तियां स्थापित करत पूजा पाठ करने की इजाजत दी जाए. यूनाइटेड हिंदू फ्रंट के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष भगवान गोयल ने दावा किया था कि कुतुब मीनार ‘विष्णु स्तम्भ’ है जिसे 'महान राजा विक्रमादित्य' ने बनावाया था.
पर्यटन विभाग का क्या कहना है?
दिल्ली पर्यटन विभाग के अनुसार, कुतुब मीनार 73 मीटर ऊंची जीत की मीनार (टावर ऑफ विक्टरी) है, जिसे दिल्ली के अंतिम हिंदू साम्राज्य की हार के तुरंत बाद कुतुब-उद-दीन ऐबक ने साल 1193 में बनवाया गया था. हालांकि साकेत कोर्ट ने कुतुब मीनार से गणेश की दो मूर्तियों को हटाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की थी. इस मामले में कोर्ट ने कहा कि हम अपील करने वाले की चिंता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
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कुतुबमीनार परिसर में पूजा की इजाजत पर आज होगी सुनवाई, जानें क्या है पूरा मामला?