डीएनए हिंदी: पंजाब में खालिस्तान की मांग बहुत पुरानी रही है. समय के हिसाब से इसके रूप या आक्रामकता में बदलाव हुआ है लेकिन यह मांग कभी खत्म नहीं हुई. अब 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह ने खुलेआम कहा है कि खालिस्तान की मांग गलत नहीं है. हाल ही में अमृतसर के अजनाला थाने पर अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने हमला भी कर दिया जिसमें पुलिस बैकफुट पर दिखी. अब एक वीडियो सामने आया है जिसमें पंजाब पुलिस निहंगों से गटका यानी सिखों की मार्शल आर्ट सीख रही है.
इस ट्रेनिंग के बारे में पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब के डीएसपी अवतार सिंह का कहना है, 'पुलिसकर्मियों को गटका की स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है. इससे उनकी शारीरिक फिटनेस अच्छी रहेगी और वे किसी भी खतरनाक स्थिति से निपटने में सक्षम होंगे.' हाल ही में जब अजनाला थाने पर हमला हुआ तो उसके बाद पंजाब पुलिस का कहना था कि गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ लेकर हमला किया गया इसलिए पंजाब पुलिस जवाबी कार्रवाई नहीं की गई.
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#WATCH| Punjab police takes Gatka (Sikh martial art) training from Nihang pic.twitter.com/5tS2KkLJCy
— ANI (@ANI) February 28, 2023
अजनाला अटैक से जागी पंजाब पुलिस?
'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत तूफान की गिरफ्तारी के बाद हजारों लोगों ने अजनाला थाने को घेर लिया था. अचानक बैरिकेडिंग तोड़ते हुए यह भीड़ आगे बढ़ी और थाने पर हमला कर दिया. तलवार, कटार और भाला लेकर हुए इस हमले में कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए लेकिन पुलिस ने कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की. बाद में पुलिस ने इसकी वजह भी बताया.
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पंजाब के सीएम भगवंत मान का इस पर कहना था, 'मैं तारीफ करता हूं कि पंजाब पुलिस के जवानों ने खुद चोट सह ली लेकिन गुरु साहब की मर्यादा बचा ली. गुरु ग्रंथ साहब की आड़ में कायरतापूर्वक हमला किया गया था.' दरअसल, पिछली कांग्रेस सरकार में बेअदबी का मामला काफी तूल पकड़ चुका था इसीलिए पंजाब की नई भगवंत मान सरकार फूंक-फूंककर कदम रख रही है.
निहंग कौन होते हैं और क्या है इसका मतलब?
निहंग सिखों को उनकी आक्रामकता, वीरता और युद्ध कौशल के लिए जाना जाता है. साल भर चले किसान आंदोलन में भी निहंगों ने अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, कई बार आक्रामकता के चलते ही ये विवाद में भी आए हैं. निहंग हमेशा हथियार लेकर चलते हैं और कहा जाता है कि कोई भी फर्ज इन्हें रोक नहीं सकता है. सिख धर्म की रक्षा के मामले में सबसे आगे निहंग खड़े होते हैं. गुरु ग्रंथ साहिब की मर्यादा बनाए रखने के लिए निहंग जान गंवाने और जान लेने पर भी उतारू हो जाते हैं.
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खालिस्तानियों के उभार की आशंका? निहंगों से सिख मार्शल आर्ट यानी गटका सीख रही पंजाब पुलिस