डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर पंजाब की भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार को गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. बीजेपी की रणनीति के जवाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने विश्वास मत हासिल करने के लिए 22 सितंबर को राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है.
AAP सरकार ने हाल में दावा किया था कि बीजेपी ने उसके 10 विधायकों से संपर्क किया और उन्हें 25-25 करोड़ रुपये की पेशकश की. पंजाब में ‘AAP’ की प्रचंड बहुमत की सरकार है. AAP का आरोप है कि लगातार बीजेपी भगवंत मान सरकार गिराने की कोशिशों में जुटी है.
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क्या है विधानसभा में AAP की स्थिति?
राज्य की 117 सदस्यीय विधानसभा में आम आदमी पार्टी के पास 92 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के 18 सदस्य हैं, शिरोमणि अकाली दल के तीन, बीजेपी के दो और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का एक सदस्य है. वहीं, एक निर्दलीय विधायक भी है.
'BJP विधायकों को तोड़ने की कर रही है कोशिश'
भगवंत मान ने सोमवार को एक वीडियो संदेश में कहा, 'आपने यह सुना होगा कि कैसे उन्होंने भारी जनादेश से चुनी हुई सरकार को सत्ता से बाहर करने के प्रयास के तहत हमारे विधायकों से संपर्क करने और उन्हें पैसे तथा अन्य प्रलोभन देने की कोशिश की.'
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'पंजाब में फेल हो गया ऑपरेशन लोटस'
कुछ दिन पहले वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आरोप लगाया था कि BJP के कुछ नेताओं ने ‘ऑपरेशन लोटस’ के तहत ‘AAP’ के सात से 10 विधायकों को पैसे तथा मंत्री पद देने के लिए संपर्क किया था. भगवंत मान ने कहा कि लोगों ने 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दलों को खारिज कर ‘AAP’ में विश्वास व्यक्त किया, जबकि विपक्ष के पास लोगों को प्रभावित करने के लिए बड़ी रकम थी. उन्होंने कहा कि मित्रों का विश्वास अमूल्य होता है.
...इसलिए विश्वास मत हासिल करेगी भगवंत मान सरकार
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, 'हम उस विश्वास को बनाए रखेंगे. विधायक राज्य और पंजाबियों के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं. इसी विश्वास को कानूनी रूप से दिखाने के लिए हम 22 सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुला रहे हैं. सत्र के दौरान हम दिखाएंगे कि चुने हुए विधायक पंजाब को एक जीवंत राज्य बनाने के सपने को साकार करने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं.'
सत्तारूढ़ AAP ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक शिकायत देकर आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की है. इसके बाद पंजाब पुलिस ने 14 सितंबर को एक मामला दर्ज किया था.
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AAP के आरोपों पर बौखलाई BJP
चीमा ने इस मुद्दे पर पार्टी विधायकों के साथ राज्य के डीजीपी से मुलाकात की थी और गहन जांच की मांग की थी. बीजेपी की पंजाब यूनिट के एक प्रतिनिधिमंडल ने पिछले हफ्ते पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से ‘AAP’ के इस आरोप की जांच की मांग की थी कि बीजेपी ने उसके विधायकों को तोड़ने की कोशिश की है. प्रदेश बीजेपी प्रमुख अश्विनी शर्मा के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल ने यहां राज्यपाल के साथ मुलाकात के दौरान उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से जांच की मांग की थी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री और ‘AAP’ प्रमुख अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी पिछले हफ्ते BJP पर पंजाब में पार्टी के 10 विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश का आरोप लगाया था.
दिल्ली में भी BJP पर यही आरोप लगा चुकी है AAP
दिल्ली विधानसभा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को एक सितंबर को पारित किया था. विश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद केजरीवाल ने कहा था कि वह यह प्रस्ताव सिर्फ देश के सामने यह साबित करने के लिए लाए थे कि बीजेपी उनके विधायकों को खरीद नहीं सकती है और बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस' दिल्ली में 'फेल' हो गया.
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प्रचंड बहुमत के बाद भी विधानसभा में विश्वासमत क्यों साबित करना चाह रहे पंजाब के सीएम भगवंत मान?