Family Court: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पति को ‘हिजड़ा’ कहने को मानसिक क्रूरता माना है. साथ ही एक पारिवारिक अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें पति को तलाक दिया गया था. न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति जसजीत सिंह बेदी की खंडपीठ ने इस साल जुलाई में पारिवारिक अदालत के आदेश के खिलाफ महिला द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने कहा कि पति को अपमानित करने और उसकी मां को भी इस तरह के अपमानजनक शब्दों से संबोधित करना मानसिक क्रूरता के समान है.
पत्नी थी अश्लील वीडियो देखने की आदी
अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच संबंध इतने खराब हो चुके हैं कि उन्हें सुधारा नहीं जा सकता. दोनों की शादी दिसंबर 2017 में हुई थी, लेकिन वे पिछले 6 वर्षों से अलग रह रहे थे. पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी उसे अपमानित करती थी, और उसकी मां से बार-बार परेशान करने वाले काम कराती थी, जबकि उसकी मां गठिया से पीड़ित थीं. पति का पत्नी पर यह भी आरोप था कि पत्नी अश्लील वीडियो देखने की आदी थी. उसे ताने मारती थी कि वह शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं है.
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कोर्ट कही ये बात
महिला ने इन सभी आरोपों से इनकार किया है. उसने कहा कि उसके पति ने यह साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं किया कि वह अश्लील वीडियो देखती थी. उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे ड्रग्स दिया गया और एक तांत्रिक के प्रभाव में रखा गया, लेकिन वह अदालत में यह साबित नहीं कर पाई. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि वैवाहिक बंधन को बचाने की कोशिश की जानी चाहिए, लेकिन जब संबंध अव्यवहारिक हो जाएं, तो दोनों पक्षों को जबरन साथ रखने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होता.
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पति को ‘हिजड़ा’ कहना मानसिक क्रूरता, हाई कोर्ट ने तलाक के फैसले में जानें और क्या कहा