डीएनए हिंदी: असम सरकार (Assam Government) ने ईद ए मिलाद-उन-नबी के मौके पर पाबंदियों का ऐलान कर दिया है जो कि मुस्लिम वर्ग के लिए एक बड़ा झटका है. राज्य की हिमंत सरकार (Himanta Biswa Sarma) का कहना है कि अनहोनी की आशंकाओं के चलते ही इस बार पाबंदियों का फैसला किया गया है. आश्चर्य की बात यह है कि पहले इन सभी आयोजनों को स्वीकृति दी गई थी लेकिन फिर अचानक सब पर बैन ही लगा दिया गया.
दरअसल, हिमंत बिस्वा सरकार के आदेश पर असम प्रशासन ने कई इलाकों में ईद ए मिलाद उन नबी के मौके पर मुस्लिम लोगों के जुलूस निकालने और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है. प्रशासन का कहना है कि इस मौके पर कुछ इलाकों में अनहोनी की आशंका थी.
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पैगंबर के जन्मदिन पर जश्न में पाबंदी
दरअसल, आज ईद-मिलाद-उन-नबी का पर्व मुस्लिम लोगों द्वारा हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है. मुस्लिम समाज आज के दिन को अपने ईष्ट पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन के रूप में मनाता है. ऐसे में पूरे देश में ही जश्न का माहौल है लेकिन असम की सरकार ने एक बड़ी पाबंदी लगा दी है. असम की बराक घाटी के कछार, हैलाकांडी और करीमगंज जिलों में प्रशासन ने आज जुलूस निकालने और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिससे किसी अप्रिय घटना से बचा जा सके.
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पहले मिली थी अनुमति
असम सरकार के मुताबिक इन पाबंदी वाले जिलों में प्रशासन ने पहले आयोजकों को जुलूस और लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति दी थी लेकिन शनिवार को “कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए” फैसला पलट दिया गया है. प्रशासन के फैसले के बाद कछार की जूलूस-ए-मोहम्मदी उत्सव समिति ने रैली को रद्द करने की घोषणा की थी. इसके चलते मुस्लिम वर्ग में नाराजगी का माहौल भी देखने को मिला है.
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असम में ईद मिलाद-उन-नबी पर जुलूस और लाउडस्पीकर बैन, हिमंत सरकार को 'अनहोनी' का डर