डीएनए हिंदीः देश का अगला राष्ट्रपति (President) कौन होगा यह आज तय हो जाएगा. संसद भवन में सुबह 11 बजे से मतगणना (Presidential Election Result) शुरू होगी. बता दें कि 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हुआ था. चुनाव में एनडीए की ओर से द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) मैदान में हैं. वहीं विपक्ष की ओर से संयुक्त रूप से यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) को उम्मीदवार बनाया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है.
जीत के लिए कितने चाहिए वोट
राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को जीत के लिए आधे से अधिक वोट हासिल करने होंगे. सांसदों और विधायकों के वोटों का योग 10,86,431 है. ऐसे में प्रत्याशी को जीत के लिए आधे यानी 5,43,216 वोट चाहिए. राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत सांसद व विधायक और विधान परिषद के सदस्य मतदान नहीं करते हैं. इससे पहले हुए राष्ट्रपति चुनाव में रामनाथ कोविंद 10,69,358 वोटों में से 7,02,044 वोट मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार को केवल 3,67,314 वोट मिले थे.
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ऐसे होती है वोटों की काउंटिंग
राष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग ईवीएम के बजाए बैलेट पेपर से होती है. वोटर अपनी पसंद के उम्मीदवार को वरीयता के आधार पर वोट देते हैं. ऐसे में पहले राउंड में केवल पहली पसंद की मार्किंग वाले बैलेट की गिनती होती है. अगर किसी कैंडिडेट को पहले राउंड में ही तय वेटेज मिल जाता है तो वह विजेता घोषित कर दिया जाता है. अगर पहले राउंड में किसी कैंडिडेट को तय कोटा नहीं मिलता तो दूसरे राउंड की काउंटिंग होती है. इसी तरह दूसरे राउंड में सबसे कम वोट पाने वाला कैंडिडेट रेस से बाहर हो जाता है और उसके वोट अन्य कैंडिडेट को ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.
सबसे ज्यादा वोट के बाद भी जीत जरूरी नहीं
ऐसा माना जाता है कि जिसे सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं उसी की जीत तय होती है लेकिन ऐसा नहीं है. राष्ट्रपति चुनाव में हार या जीत वोटों की संख्या से नहीं बल्कि वोटों की वैल्यू से तय होती है. राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार को सांसदों और विधायकों के वोटों के कुल मूल्य का आधा से ज्यादा हिस्सा हासिल करना होता है.
किसका पलड़ा भारी
राष्ट्रपति पद की रेस में अभी तक द्रौपदी मुर्म ही आगे चल रही है. माना जा रहा है कि उनकी जीत तय है. दरअसल, बीजेपी ने मुर्मू के रूप में महिला और ट्राइबल दोनों ही कार्ड खेलकर कई राज्यों में विपक्ष को धर्मसंकट में डाल दिया. वहीं ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली पार्टी बीजू जनता दल (BJD) और जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSR कांग्रेस भी बीजेपी को समर्थन दे दिया. इतना ही नहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी एनडीए प्रत्याशी को अपना समर्थन दे दिया.
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भारत में अबतक कितने राष्ट्रपति रहे हैं और उनके नाम क्या हैं?
- डॉ. राजेंद्र प्रसाद (1884-1963)
- डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन (1888-1975)
- डॉ. ज़ाकिर हुसैन (1897-1969)
- वराहगिरी वेंकट गिरी (1894-1980)
- डॉ. फ़ख़रुद्दीन अली अहमद (1905-1977)
- निलम संजीव रेड्डी (1913-1996)
- ज्ञानी जैल सिंह (1916-1994)
- आर वेंकटरमन (1910-2009)
- डॉ. शंकर दयाल शर्मा (1918-1999)
- के आर नारायनन (1920 - 2005)
- डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम (1931-2015)
- प्रतिभादेवी सिंह पाटिल (1934-)
- प्रणब मुखर्जी (1935-2020)
- रामनाथ कोविंद (1945-)
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