बिहार की राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. इंडिया टूडे ग्रुप को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने नीतीश कुमार और लालू यादव को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 'नीतीश कुमार और लालू यादव ईबीसी (अत्यंत पिछड़ा वर्ग) के लीडर नहीं हैं. नीतीश कुमार की जाति ईबीसी के अंतर्गत नहीं आती है. लालू यादव की जाति भी ईबीसी के अंतर्गत नहीं आती है.'
लालू-नीतीश को जबरदस्ती बनाया गया EBC का लीडर
उन्होंने बिहार में चल रही जातिगत राजनीति को लेकर जदयू और राजद पर खूब निशाना साधा. पीके की ओर से कहा गया कि नीतीश कुमार और लालू यादव को जबरदस्ती ईबीसी तबके का नेता घोषित कर दिया गया है. उन्होंने जातिगत सियासत पर सावल करते हुए कर्नाटक और गुजरात जैसे राज्यों की मिसाल पेश की. इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि सियसत में जातियों की रोल हर जगह है. कर्नाटक में वोक्कालिगा और लिंगायत का जिक्र होता है, तो गुजरात में पटेल और क्षत्रिय की बात की जाती है.
जाति एकमात्र सच्चाई नहीं
पीके की तरफ से कहा गया कि 'ये जगजाहिर है कि जाति समाज की सच्चाई है, लेकिन सिर्फ इसे ही एकमात्र सच्चाई मानना गलत है. उन्होंने आगे बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी के नाम पर बिहार में बीजेपी को खबू वोट मिले हैं. लेकिन उनकी जाति का बिहार में वोटर्स नहीं हैं.'
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'लालू-नीतीश को जबरदस्ती EBC का लीडर बनाया गया', जातिगत सियासत पर PK का बड़ा बयान