पाकिस्तान में चुनाव नतीजों (Pakistan Election Results) के साथ ही आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. एक तरफ नवाज शरीफ जीत का दावा कर रहे हैं, दूसरी ओर जेल में बंद इमरान खान (Imran Khan) भी अपना दावा ठोंक रहे हैं. अब इस चुनाव का असर भारत में भी देखने को मिल रहा है. पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की मुखिया महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने परोक्ष रूप से नेशनल कॉन्फ्रेंस पर निशाना साधा है. इल्तिजा ने कहा है कि पाकिस्तान चुनाव में इमरान खान की पार्टी पीटीआई की हार जम्मू-कश्मीर में 1987 में हुए विधानसभा चुनाव में हुई 'धांधली' की याद दिलाते हैं. इल्तिजा के इस बयान पर नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी तुरंत जवाब दिया है. 

गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) के दो मुख्य घटक नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के नेताओं ने एक-दूसरे पर चुनावी कदाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया और इसे लेकर उनके बीच तीखी नोकझोंक हुई. इल्तिजा मुफ्ती ने 1987 में जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनावों में कथित धांधली में नेशनल कॉन्फ्रेंस की भूमिका की ओर परोक्ष इशारा करते हुए शुक्रवार को निशाना साधा.

ट्वीट पर हुआ आरोप-प्रत्यारोप
इल्तिजा मुफ्ती ने एक्स पर पोस्ट किया, "इमरान खान से जीत छीनने और पाकिस्तान के आम चुनाव में धांधली देखकर दुख हुआ. कश्मीर के लोगों के लिए यह 1987 के चुनाव की याद दिलाता है, जिसमें व्यापक चुनावी धांधली हुई थी. तब के जमात नेताओं और अब पीटीआई के खिलाफ कार्रवाई के बीच अनोखी समानताएं हैं." उन्होंने अपनी पोस्ट में सीधे तौर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का नाम नहीं लिया और पाकिस्तानी सेना से "जम्मू कश्मीर के खून से लथपथ इतिहास से सीखने" का आग्रह किया.

यह भी पढ़ें- 17वीं लोकसभा का आखिरी भाषण, मोदी ने किया 'रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म' का जिक्र 

उन्होंने कहा, "लम्हों ने खता की सदियां ने सजा पाई. 1987 के चुनावों में धांधली से भड़की हिंसा के कारण जम्मू कश्मीर के लोग अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं. पाकिस्तानी सेना को लोकप्रिय जनादेश में हेरफेर के परिणामों को समझने के लिए हमारे खून से सने इतिहास से सीख लेनी चाहिए." 

1987 के बदले 1989 याद दिलाया
नेशनल कॉन्फ्रेंस की प्रवक्ता इफरा जान ने इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. इफरा जान ने पीडीपी संस्थापक एवं तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद पर 1990 में जगमोहन मल्होत्रा को राज्य का राज्यपाल नियुक्त करके जम्मू कश्मीर को अशांति में डालने का आरोप लगाया. 

यह भी पढ़ें- पंजाब में भी INDIA गठबंधन टूटा, केजरीवाल ने किया अकेले लड़ने का ऐलान

इफरा जान ने पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती की पोस्ट के एक घंटे के भीतर X पर पोस्ट किया, "इमरान खान की चुनावी हार देखना निराशाजनक है, जिससे जम्मू कश्मीर नेशनल कान्फ्रेंस (जेकेएनसी) के जनादेश को निशाना बनाने वाली छद्म पार्टियों के खिलाफ दशकों पुराने संघर्ष की यादें ताजा हो गई हैं. 1989 के समय की याद ताजा हो गई, जब तत्कालीन गृह मंत्री मुफ्ती साहब ने जगमोहन को राज्यपाल नियुक्त किया था, जिससे जम्मू कश्मीर में उथल-पुथल मच गई थी." 

'पूरी कैबिनेट ने दे दिया था इस्तीफा'
इफरा जान ने लिखा, "जगमोहन को 1989 में राज्यपाल नियुक्त किए जाने के मुद्दे को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. अब्दुल्ला के नेतृत्व में पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया था, फिर भी गृह मंत्री अड़े रहे और क्षति की गाथा 2014 में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. उन मतदाताओं की लाचारी को महसूस करती हूं."

यह भी पढ़ें- हल्द्वानी हिंसा का मास्टर माइंड Abdul Malik अरेस्ट, SP नेता अरेस्ट

वह 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद पीडीपी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन की ओर इशारा कर रही थीं, जिसमें किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था. नेशनल कान्फ्रेंस के नेताओं ने अतीत में गठबंधन को लोगों के जनादेश के साथ विश्वासघात करार दिया है क्योंकि 2014 के चुनाव में पीडीपी के प्रचार के मुख्य बिंदु में से एक बीजेपी को राज्य में सत्ता में आने से रोकना था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
pdp remembers 1987 jammu kashmir elections and hit at national conference after pakistan elections
Short Title
Pakistan Election में गड़बड़ी! भारत में PDP और नेशनल कॉनफ्रेंस में हो गई लड़ाई
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
National Conference vs PDP
Caption

National Conference vs PDP

Date updated
Date published
Home Title

Pakistan Election में गड़बड़ी! भारत में PDP और नेशनल कॉनफ्रेंस में हो गई लड़ाई

Word Count
664
Author Type
Author