पंतजलि के भ्रामक विज्ञापन से जुड़े अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट में मगंलवार को सुनवाई हुई. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बेंच के सामने बाबा रामदेव और उनके सहयोगी बालकृष्ण पेश हुए. सुनवाई शुरू होते ही बाबा रामदेव के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम कोर्ट से माफी मांगते हैं. हमें पछतावा है. इस पर जस्टिस अमानतुल्लाह ने कहा कि आपकी बातों से ऐसा नहीं लगता कि आप दिल से माफी मांगना चाहते हैं.

दरअसल, जस्टिस अमानतुल्लाह ने बालकृष्ण की उस बात से नाराजगी जताई, जिसमें उन्होंने कहा कि पंतजलि कंपनी के रोजमर्रा के मामलों से स्वामी रामदेव का कोई लेना-देना नहीं है. कोर्ट ने बालकृष्ण को फटकार लगाते हुए कहा कि आप फिर से अपने रुख पर अड़े हुए हैं. ऐसा लगता है कि आप दिल से माफी नहीं मांगना चाहते, बल्कि आपके दिल में खोट है.

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को एक हफ्ते के अंदर सार्वजनिक माफी मांगने की बात कही है. कोर्ट ने साथ में यह भी स्पष्ट कर दिया कि इससे मामला खत्म नहीं होगा. शीर्ष अदालत 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण और चिकित्सा की मॉडर्न मेथड्स के एक दुष्प्रचार अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है.

'आपको जो करना है करें, लेकिन अभी राहत नहीं'
सुनवाई के दौरान रामदेव और बालकृष्ण बिना शर्त माफी मांगते हुए न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ से कहा कि वे पछतावा दिखाने के लिए सार्वजनिक माफी मांगने को तैयार हैं. पीठ ने दोनों की ओर से पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी से कहा, 'विज्ञापन के माध्यम से आपको जो करना है, करें, हम इस पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. लेकिन इस समय हम यह नहीं कह रहे हैं कि उन्हें इससे राहत मिल गई है. 

जस्टिस कोहली ने रामदेव से कहा, 'हम समझना चाहते हैं. आप और आचार्य बालकृष्ण दोनों यहां हैं. आपकी बहुत प्रतिष्ठा है. लोग आपको देखते हैं, आपके कार्यों की सराहना करते हैं. आपने योग के लिए बहुत सारे काम किए हैं. लेकिन 21 नवंबर, 2023 को शीर्ष अदालत में हलफनामा देने के अगले दिन आपने क्या सोचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई? इस पर रामदेव ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि मैंने जो भी गलती की है उसके लिए मैंने बिना शर्त माफी मांग ली है.' 

पंतजलि ने हलफनामे में क्या कहा था?
उस आदेश में  शीर्ष अदालत ने कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने उसे आश्वासन दिया था कि अब से खासकर पतंजलि आयुर्वेद द्वारा निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन या ब्रांडिंग के संबंध में किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा. यह भी कहा गया था कि प्रभावशीलता के संबंध में या चिकित्सा की किसी भी पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी रूप में मीडिया में जारी नहीं किया जाएगा.’ कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड इस तरह के आश्वासन का पालन करने के लिए बाध्य है. इस मामले में अब अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी.

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Patanjali misleading ads case Supreme Court direct question to ramdev said apologize publicly within a week
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क्या है पतंजलि का मामला, जिसमें कोर्ट ने रामदेव से कहा- आपके दिल में खोट है
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