डीएनए हिंदी: संसद का मानसून सत्र अभी तक हंगामे की भेंट ही चढ़ा है. अब केंद्र सरकार दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग और तमाम अन्य नियमों को तय करने वाले दिल्ली अध्यादेश बिल को पेश कर दिया है. ऐसे में चर्चा है कि लोकसभा और राज्यसभा में एक बार फिर से हंगामा हो सकता है. सबसे पहले इस बिल को लोकसभा में पेश किया गया है, जहां सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रचंड बहुमत में है. दिल्ली की सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (AAP) ने एक बार फिर से इस बिल का विरोध किया है. कांग्रेस समेत INDIA गठबंधन में शामिल दल इसका विरोध कर रहे हैं.
दिल्ली सर्विस बिल पर विपक्ष का विरोध
लोकसभा में दिल्ली सर्विस बिल को लेकर विपक्ष विरोध कर रहा है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह बिल संघीय सहकारितावाद की अवधारणा का उल्लंघन है. यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है. वहीं इसका जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सर्वोच्च अदालत ने साफ किया है कि संसद दिल्ली राज्य के लिए कोई कानून बना सकती है. इसलिए इस बिल को संसद के सामने पेश करने की अनुमति दी जाए. इसके बाद विपक्षी नेताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी.
GNCT (संशोधन) बिल 2023 पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, 'संविधान ने सदन को शक्ति दी है कि वह दिल्ली के संबंध में कोई भी कानून पारित कर सकती है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने भी स्पष्ट कर दिया हैकि दिल्ली राज्य के बारे में संसद कोई भी कानून बना सकती है. सभी आपत्तियां राजनीतियां है. कृपया मुझे यह बिल लाने की अनुमति दें.'
#WATCH | Union Home Minister Amit Shah speaks on GNCT (Amendment) bill 2023 in the Lok Sabha, says "Constitution has given the House, power to pass any law regarding the state of Delhi. Supreme Court judgement has clarified that Parliament can bring any law regarding the state of… pic.twitter.com/IoAlEP6prt
— ANI (@ANI) August 1, 2023
- गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने दिल्ली अध्यादेश बिल को लोकसभा में पेश कर दिया है.
- संसद का सत्र शुरू होते ही लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया है. राज्यसभा को भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
जिस अध्यादेश को संसद में पेश किया जाना है वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करना चाहता है. इससे पहले, राष्ट्रपति ने इस साल 19 मई को विवादास्पद अध्यादेश जारी किया था, इससे दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी. प्रस्तावित विधेयक उस अध्यादेश की जगह लेगा, इसके लिए संसद में वोटिंग होनी है. दिल्ली सरकार इस विधेयक का पुरजोर विरोध कर रही है और कह रही है कि यह उसके अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति पर निर्णय लेने की उसकी शक्तियों को बाधित करता है.
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AAP ने कहा- हम पूरा जोर लगाएंगे
इस मामले पर AAP के राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने कहा, 'वे पहले भी इस बिल को लोकसभा में ला चुके हैं तो उन्हें लाने दीजिए. हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे. हम लोकतंत्र और संविधान की रक्षा करने की कोशिश करेंगे. यह बिल किसी खास पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. यह संविधान और देश के लोगों के खिलाफ है. ऐसे में हम हर सदस्य से अपील करते हैं कि वे इसका विरोध करें और लोकतंत्र की रक्षा करें.'
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VIDEO | "They have already brought (the bill) in Lok Sabha, so let them do, but we will oppose tooth and nail. We will try to protect the democracy and Constitution," says AAP leader @SandeepPathak04 on National Capital Territory of Delhi (Amendment) Bill, 2023 listed to be… pic.twitter.com/3nrrsFAsqu
— Press Trust of India (@PTI_News) August 1, 2023
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली में कुछ मुद्दों को छोड़कर बाकी के सभी अधिकार दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास होंगे. इसके बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लाई थी और नियमों में बदलाव कर दिए थे. अब इसी अध्यादेश को संसद में पास कराने की कोशिश है क्योंकि किसी भी अध्यादेश को संसद का सत्र शुरू होने के 6 हफ्तों में पास करवाना जरूरी होता है वरना वह अध्यादेश रद्द हो जाता है.
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Live: लोकसभा में दिल्ली अध्यादेश बिल पेश, AAP-कांग्रेस ने किया विरोध