डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र के पालघर में एक बड़ी घटना टल गई. यहां एक गांव में दो साधुओं को भूलवश बच्चा चोर समझ लिए जाने के बाद भीड़ हमला करने वाली थी लेकिन पुलिस की सतकर्ता की वजह से हादसा टल गया. एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. करीब तीन साल पहले भी ऐसे ही बच्चा चोर के शक में भीड़ ने तीन साधुओं की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.

पालघर (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक बालासाहब पाटिल ने बताया कि वनगांव थानाक्षेत्र के चंद्रनगर गांव में रविवार को सुबह करीब 11 बजे दो अनजान लोग नजर आए. उन्हें कुछ ग्रामीणों ने बच्चा चोर समझ लिया और देखते ही देखते भीड़ जुट गई. उन्होंने बताया कि भीड़ के आक्रामक होने की आशंका भांपते हुए एक ग्रामीण ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि तुरंत पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को समझा-बुझाकार शांत किया. इसके बाद पुलिसकर्मी गेरुए एवं सफेद कपड़े पहने दोनों साधुओं को थाने ले गए.

पुलिस के अनुसार, इन दोनों ने बताया कि वे यवतमाल जिले के हैं और भिक्षाटन के लिए गांव-गांव जाते हैं. पुलिस ने कहा कि उसकी ‘जनसंवाद’ पहल के चलते तनाव समय रहते दूर कर लिया गया. अप्रैल 2020 में जिले के गडचिंचाले गांव में भीड़ की हिंसा के बाद यह पहल शुरू की गई थी. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस पहल के तहत पुलिसकर्मी गांव-गांव जाते हैं और स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनका विश्वास जीतते हैं एवं उनके साथ तालमेल बढ़ाते हैं. उन्होंने कहा, ‘हमने गांवों में एक-एक पुलिसकर्मी तैनात भी कर रखा है जो लोगों से बातचीत कर मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान कर देता है. कुछ मामले उच्च अधिकारियों के पास भेज दिए जाते हैं.’ 

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2020 में 3 साधुओं की कर दी गई थी हत्या
उन्होंने कहा,‘‘ यह हमारी जनसंवाद पहल के कारण ही हमें समय पर सूचना दे दी गयी और अप्रिय स्थिति टाल दी गई. हम गडचिंचाले प्रकरण की पुनरावृति नहीं चाहते हैं.’ कोविड महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान गड़चिंचाले में 16 अप्रैल 2020 की रात को तीन व्यक्ति एक कार से किसी के अंतिम संस्कार के सिलसिले में गुजरात के सूरत जा रहे थे. मुंबई के कांदिवली से कार में रवाना हुए इन व्यक्तियों का वाहन गड़चिंचाले में भीड़ ने रोका और इन लोगों पर हमला कर तीनों की कथित तौर पर जान ले ली थी.

बताया जाता है कि घटना के दौरान पुलिस वहां मौजूद थी और पीड़ितों को भीड़ ने बच्चा चोर समझ लिया था. पीड़ितों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशील गिरी महाराज (35) और निलेश तेलगाड़े (30) के रूप में हुई थी. निलेश वह वाहन चला रहा था जिसमें बाकी दो लोग बैठे थे. राज्य सरकार ने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग करते हुए हाल ही में उच्चतम न्यायालय का रुख किया है. (इनपुट- भाषा)

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Palghar lynching attack 2 sadhus mistaking them for child lifters police saved them
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पुलिस की मुस्तैदी से पालघर में हिंसा टली, बच्चा चोर समझ साधुओं पर होना था हमला
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पुलिस की मुस्तैदी से पालघर में हिंसा टली, बच्चा चोर समझ 2 साधुओं पर हमला करने वाली थी भीड़