आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद के घी में मिलावट की खबर आने के बाद देशभर में हंगामा मचा है. देश अन्य बड़े मंदिरों के प्रसाद की जांच करने की मांग उठने लगी है. इस बीच ओडिशा सरकार ने भी पुरी के जगन्नाथ मंदिर में प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी की जांच कराने का फैसला किया है.
ओडिशा सरकार ने आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में तैयार किए जाने वाले लड्डुओं में कथित तौर पर पशु चर्बी के इस्तेमाल को लेकर उठे विवाद के बीच लिया है. पुरी के जिलाधिकारी सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि हालांकि यहां इस तरह के कोई आरोप नहीं लगे हैं, लेकिन प्रशासन 12वीं सदी के मंदिर में भोग तैयार करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे घी की गुणवत्ता की जांच करेगा.
उन्होंने कहा कि सरकारी ‘ओडिशा मिल्क फेडरेशन’ (ओमफेड) पुरी मंदिर में इस्तेमाल किए जाने वाले घी का एकमात्र आपूर्तिकर्ता है. उन्होंने कहा कि मिलावट की किसी भी आशंका को दूर करने के लिए ओमफेड द्वारा आपूर्ति किए जा रहे घी के मानक की जांच करने का निर्णय लिया गया है. सिद्धार्थ शंकर स्वैन ने कहा कि ओमफेड के साथ-साथ 'प्रसाद' तैयार करने वाले मंदिर के सेवकों के साथ भी चर्चा की जाएगी.
मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर चूहा
मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर के प्रसाद के पैकेट पर चूहे होने का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहा है. हालांकि, श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर न्यास (एसएसजीटी) ने आरोप से इनकार किया और कहा कि उसने मामले की जांच शुरू कर दी है. शिवसेना नेता और एसएसजीटी अध्यक्ष सदा सर्वंकर ने मंगलवार को कहा, ‘रोजाना लाखों लड्डू बांटे जाते हैं और जिस स्थान पर वे बनाए जाते हैं, वह स्वच्छ है. वीडियो में एक गंदा स्थान दिखायी दे रहा है. मैं देख सकता हूं कि यह मंदिर का नहीं है और वीडियो कहीं बाहर बनाया गया है.’
सर्वंकर ने कहा, ‘हम सीसीटीवी फुटेज खंगालेंगे और जांच के लिए एक डीसीपी (पुलिस उपायुक्त) रैंक के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा. दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद के घी की होगी जांच, तिरुपति लड्डू विवाद के बाद ओडिशा सरकार का फैसला