रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को 'संजय-युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली' (BSS) को दिल्ली से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.  स्वदेशी रूप से विकसित स्वचालित युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली 'संजय' भारतीय सेना के लिए तीसरी आंख का काम करेगी. अत्याधुनिक सेंसर और अत्याधुनिक एनालिटिक्स से लैस यह सिस्टम भूमि सीमाओं की निगरानी करेगा, घुसपैठ को रोकेगा, अद्वितीय सटीकता के साथ स्थितियों का आकलन करके खुफिया, निगरानी और टोही में अहम भूमिका निभाएगा. इस तकनीक के बाद घुसपैठियों के लिए सरहद पार करना असंभव हो जाएगा, फिर भी वो हिमाकत करेंगे तो मारे जाएंगे. 'संजय' (BSS) को हरी झंडी दिखाने के बाद माना जा रहा है कि यह भारत की लंबी भूमि सीमाओं की निगरानी करेगा और घुसपैठ को रोकेगा. 

कैसे काम करेगा 'संजय'
'संजय' (बीएसएस) अत्याधुनिक सेंसर और अत्याधुनिक एनालिटिक्स से लैस है. यह भारत की आधुनिकतम निगरानी प्रणाली, जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से जानकारी को एकीकृत करती है. यह प्रणाली सेना के लिए तीसरी आंख की तरह काम करेगी. यह प्रणाली कमांडरों को नेटवर्क केंद्रित वातावरण में पारंपरिक और उप-पारंपरिक दोनों तरह के ऑपरेशन में काम करने में सक्षम बनाएगा. इसका समावेश भारतीय सेना में डेटा और नेटवर्क केंद्रित करने की दिशा में एक बड़ी छलांग होगी.

क्या है 'संजय'
'संजय' एक स्वचालित प्रणाली है, जो सभी जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से जानकारी को एकीकृत करती है और उनकी सत्यता की पुष्टि करने के लिए उन्हें संसाधित करती है. यह दोहराव को रोकती है और युद्धक्षेत्र का निगरानी परिदृश्य बनाने में मदद करती है. यह सिस्टम युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता को बढ़ाएगा और एक केंद्रीकृत वेब एप्लिकेशन के माध्यम से भविष्य के युद्धक्षेत्र में बदलाव करेगा. महाभारत के पात्र 'संजय' की तरह सेना का 'संजय' भी मिल गया है. 'संजय' चौबीसों घंटे दुश्मन पर अपनी नजर रखेगा.


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इतनी लागत से बनी ये स्वदेशी प्रणाली
मंत्रालय के अनुसार​ मार्च से अक्टूबर तक तीन चरणों में इन प्रणालियों को भारतीय सेना के सभी परिचालन ब्रिगेड, डिवीजनों और कोर में शामिल किया जाएगा, जिसे रक्षा मंत्रालय में 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया गया है. 2,402 करोड़ रुपये की लागत से इस प्रणाली को खरीदें (भारतीय) श्रेणी के तहत विकसित किया गया है. इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, बीईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन तथा रक्षा मंत्रालय और बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

 

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Now it will be impossible for intruders to cross the border if they dare they will not be saved from Sanjay Bss what is the plan of the Defense Minister understand
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अब घुसपैठियों के लिए सरहद पार करना होगा असंभव
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अब घुसपैठियों के लिए सरहद पार करना होगा असंभव, हिमाकत करेंगे तो 'संजय' से नहीं बचेंगे, क्या है रक्षा मंत्री का प्लान, समझें 

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