पीयूष गोयल (Piyush Goyal) इस वक्त केंद्र सरकार में हाई प्रोफाइल पोर्टफोलियो वाले मंत्री है. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबसे विश्वसनीय मंत्रियों में शुमार किया जाता है. इस बार पार्टी ने उन्हें नॉर्थ मुंबई की सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. संसदीय राजनीति में यह उनका पहला चुनाव होगा. हालांकि, चुनावी रणनीति बनाने और मैनेजमेंट का उन्हें जरूर अनुभव रहा है. किशोरावस्था में उन्होंने अपनी मां और 3 बार विधायक रहीं चंद्रकांता गोयल के चुनाव प्रचार अभियान के लिए काम किया है. केंद्रीय मंत्री का निक नेम हैप्पी है और देखना है कि उनका चुनावी डेब्यू हैप्पी रहता है या नहीं?
कभी कांग्रेस का गढ़ थी यह सीट
1984 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा था, लेकिन 1989 के बाद हालात बदले और यह बीजेपी की सेफ सीट बन गई. यहां से वीके कृष्ण मेनन चुनाव लड़ते थे.निर्वाचन क्षेत्र के लिहाज से यह बहुत बड़ा इलाका है जिसमें मुंबई के गोरेगांव वसई-विरार तक का इलाका शामिल है. इसमें शहरी हिस्से के अलावा एक बड़ा हिस्सा मुंबई के ग्रामीण क्षेत्र का भी आता है. 2004 में राम नाईक को बॉलीवुड एक्टर गोविंदा ने हरा दिया था. गोविंदा को ग्रामीण क्षेत्र से व्यापक समर्थन मिला था.
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2014 से बीजेपी का है सीट पर कब्जा
2009 में राम नाईक कांग्रेस के संजय निरूपम से सिर्फ 5 हजार वोटों से हारे थे. 2014 और 2019 में यहां से बीजेपी के गोपाल शेट्टी चुनाव जीतने में कामयाब रहे. परिसीमन के बाद मराठी वोट निर्णायक स्थिति में नहीं, रहे तो 2019 में कांग्रेस ने एक प्रयोग किया और उर्मिला मातोंडकर को उतारा था. मराठी वोटरों को लुभाने के लिए उर्मिला ने मराठी मुलगी का नारा भी दिया, लेकिन वह बुरी तरह से हार गईं.
पीयूष गोयल के लिए होगी कितनी मुश्किल?
पीयूष गोयल यूं तो गैर-मराठी हैं, लेकिन उनका जन्म पढ़ाई-लिखाई सब कुछ मुंबई में ही हुआ है. परिसीमन के बाद इस सीट पर गैर-मराठी मिडिल क्लास वर्ग एक निर्णायक भूमिका में है. कांग्रेस ने सीट पर उम्मीदवार उतारने से मना कर दिया है जबकि शिवसेना (यूबीटी) ने अब तक उम्मीदवार का ऐलान नहीं किया है.
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माना जा रहा है कि गोयल के सामने यहां से उद्धव ठाकरे किसी गैर-मराठी उम्मीदवार को उतार सकते हैं. इस सीट पर 6 विधानसभा सीट हैं जिसमें से 4 पर बीजेपी, 1 पर एकनाथ शिंदे की शिवसेना और एक पर कांग्रेस विधायक हैं. विपक्ष ने अब तक उम्मीदवार का भी ऐलान नहीं किया है, ऐसे में लड़ाई दिलचस्प होगी.
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नॉर्थ मुंबई से पीयूष गोयल की लोकसभा में 'हैप्पी' एंट्री या होगा खेल?