डीएनए हिंदी: अगले लोकसभा में चुनाव में विपक्ष की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा इसको लेकर रेस अभी से तेज हो गई है. बिहार में महागठबंधन द्वारा लगातार नीतीश कुमार पर दांव लगाया जा रहा है. बिहार में सत्तासीन जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को कहा कि अगर 2024 में परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो नीतीश कुमार सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री साबित होंगे लेकिन उनकी पार्टी विपक्ष की एकता की कीमत पर इसके लिए जोर नहीं डालेगी.
उपेंद्र कुशवाहा हालांकि इस सवाल को टाल गए कि अगर राज्य में सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री नीतीश राष्ट्रीय राजनीति में चले जाते हैं तो राज्य में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री (साबित) होंगे, बशर्ते परिस्थितियां उनके पक्ष में हों. हालांकि हम एकजुट विपक्ष की संभावनाओं को खतरे में डालकर ऐसा कोई दावा नहीं करने जा रहे हैं."
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सप्ताह भर से ज्यादा समय तक बाहर रहने के बाद हाल ही में बिहार लौटे पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने उन अटकलों पर आश्चर्य व्यक्त किया कि नीतीश कुमार के नए मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से वह परेशान हैं. उन्होंने कहा, "कृपया इसे रिकॉर्ड कर लें और अगर मैं कभी अपने शब्दों से पीछे हटता हूं तो मुझे याद दिलाएं. मैं राज्य में कभी मंत्री नहीं बनने जा रहा हूं. ऐसा करना मेरे लिए पदावनति होगी."
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पिछले साल ही जदयू में लौटे उपेंद्र कुशवाहा ने आरएलएसपी का इस दल में विलय कर दिया था. उन्होंने नीतीश से अलग होकर 2013 में आरएलएसपी का गठन किया था. उन्होंने कहा कि वह केंद्र में मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधायक रह चुके हैं और अब विधान परिषद के सदस्य हैं. कुशवाहा ने कहा, "मेरे लिए राज्य कैबिनेट की सीट मायने नहीं रखती. मुझे विश्वास है कि हमारे नेता (नीतीश) समाजवादी विचारधारा को बनाए रखने के अभियान का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छे व्यक्ति हैं. अभी मेरा ध्यान सिर्फ 2024 तक अपनी पार्टी और अपने नेता को स्थापित करने पर है."
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नीतीश के राष्ट्रीय राजनीति में चले जाने के बाद वह स्वयं को या तेजस्वी यादव, किसको उनके उत्तराधिकारी के रूप में देचाते हैं, यह सवाल करने पर कुशवाहा ने इसे एक काल्पनिक सवाल बताते हुए इसे टाल दिया. कुशवाहा कुछ साल पहले तक NDA में थे लेकिन जदयू में वापसी के बाद वह भाजपा के सबसे उग्र आलोचक के रूप में उभरे हैं. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद जंगल राज की वापसी की भाजपा की टिप्पणी पर उन्होंने कहा, "भाजपा के साथ यही समस्या है. जब तक आप उनके साथ हैं, सब कुछ ठीक रहता है. जिस क्षण आप अलग हो जाते हैं, सारी सीमा वे पार कर जाते हैं."
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, "जब तक नीतीश कुमार उनके साथ थे वे उनकी तारीफों के पूल बांध रहे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें समाजवादी मूल्यों की प्रतिमूर्ति बता रहे थे लेकिन अब वही नीतीश कुमार उनके लिए सबसे नीच हो गए हैं." उन्होंने नए मंत्रिमंडल में दागी मंत्रियों के आरोपों को भी यह दावा करते हुए खारिज कर दिया कि अन्य राज्यों में कई भाजपा मंत्रिमंडलों में गंभीर मामलों के आरोपी शामिल हैं.
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इनपुट- PTI
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