डीएनए हिंदी: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (KCR) राष्ट्रीय राजनीति में उतरने का ऐलान कर चुके हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी नई पार्टी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) का ऐलान किया है. अब इसी पर तंज कसते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने राज्य को धोखा दिया है. सीतारमण ने कहा कि केसीआर ने 'तांत्रिकों' की सलाह पर टीआरएस (TRS) का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) कर दिया. आपको बता दें कि तेलंगाना राष्ट्र समिति का गठन तेलंगाना राज्य निर्माण आंदोलन के बाद हुआ और राज्य के गठन के बाद से ही केसीआर की यह पार्टी इसकी सत्ता पर काबिज है.
निर्मला सीतारमण ने कहा, 'टीआरएस का गठन तेलंगाना की भावना को महसूस करने के लिए किया गया था. उस समय, यह कहा गया था कि तेलंगाना राज्य की महत्वाकांक्षा के लिए धन, पानी और नियुक्तियां (नौकरियां) प्राथमिकताएं हैं. यह भी कहा गया था कि सामाजिक न्याय और महिला सशक्तिकरण होगा लेकिन, 2014 से 2018 तक चार साल तक, टीआरएस सरकार में एक भी महिला मंत्री नहीं थी. टीआरएस के दोबारा चुने जाने के बाद भी करीब एक साल तक कोई महिला मंत्री नहीं रही. जाहिर है, कुछ तांत्रिकों की सलाह पर महिलाओं को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया था.'
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'फ़ायदे वाले राज्य से कर्जदार हो गया तेलंगाना'
केसीआर को घेरते हुए निर्मला सीतारमण ने आगे कहा, '2014 में जब तेलंगाना राज्य का गठन हुआ था, तब यहां राजस्व ज़रूरत से ज्यादा था. आज, तेलंगाना राज्य पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें कर्ज और जीएसडीपी अनुपात लगभग 25 प्रतिशत है. पानी पर, कलेश्वरम परियोजना को 40,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ पूरा किया जाना था, लेकिन वृद्धि के कारणों पर उचित स्पष्टीकरण के बिना यह बढ़कर 1,40,000 करोड़ रुपये हो गया है. नौकरियों के वादे पर टीआरएस सरकार ने अपना वादा निभाया और लोगों को धोखा दिया. धन, पानी और रोजगार तीनों मोर्चों पर टीआरएस सरकार पूरी तरह से विफल रही है.'
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उन्होंने आगे कहा, 'केसीआर ने तांत्रिकों और अंकशास्त्रियों की सलाह पर सचिवालय जाना बंद कर दिया. कई सालों तक महिलाओं को अपने मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया और अब तांत्रिक की सलाह पर पार्टी का नाम बदलकर बीआरएस कर दिया है. तेलंगाना, तेलुगू भाषा के लोगों को धोखा देने के बाद, उन्होंने अब बीआरएस को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में लॉन्च किया है. नई पार्टी विफल होने के लिए अभिशप्त है.'
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'तांत्रिकों के कहे पर चलते हैं KCR, ऑफिस नहीं जाते, उन्हीं की सलाह पर बदला पार्टी का नाम'