नया साल 2025 का आगमन हो चुका है. बिता हुआ साल 2024 सियासी तौर पर काफी कोलाहल से भरा हुआ साल रहा. देश में लोकसभा के चुनाव हुए, साथ ही कई बड़े राज्यों में विधानसभा के चुनाव भी संपन्न हुए. अब लोगों के जहन में ये बात है कि ये नया साल 2025 सियासी तौर पर कैसा रहने वाला है. खासकर मोदी सरकार के लिए कितना अहम है. मोदी सरकार के सामने नए साल में किस तरह की चुनौतियां और अवसर आने वाले हैं. खासकर ऐसे समय में जब देश के भीतर कई अहम सियासी मुद्दों को लेकर बहस छिड़ी हुई है, सियासी तापमान अपने उरूज पर है. आइए 5 पॉइंट्स में समझते हैं कि मोदी सरकार के लिए कितना खास होने वाला है ये नया साल.

एक देश एक चुनाव
मोदी सरकार की ओर से एक देश एक चुनाव का विधेयक संसद के पटल पर प्रस्तुत किया जा चुका है. ये मुद्दा भारतीय सियासत में एक अहम और विवादास्पद विषय बना हुआ है. इस विधेयक के पारित होने के बाद लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ आयोजित किए जा सकते हैं. हालांकि, यह प्रक्रिया इतनी आसान नहीं है, क्योंकि इसके लिए व्यापक राजनीतिक सहमति और संविधान में संशोधन की आवश्यकता होगी.

वक्फ बोर्ड के बिल को पारित कराना
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 बात करें तो ये इस समय संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास है. इसे वहां समीक्षा के लिए भेजा गया है. विपक्ष की ओर से इस बिल को लेकर विरोध किया जा रहा है, उनका कहना है कि ये बिल अल्पसंख्यक विरोधी है. ये बिल भी विवादों के घेरे में है. इसे पास कराना भी मोदी सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

अंबेडकर को लेकर जारी विवाद से भी निपटना
संसद में देश के गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव आंबेडकर को लेकर बात रखी थी. इसको लेकर विवाद हो गया. देशभर में विपक्षी पार्टियों और संगठनों ने बीजेपी और मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया. साथ ही गृह मंत्री से माफी मांगने की मांग करने लगे, और इस्तीफे की भी मांग की. बीजेपी के लिए इस मुद्दे से निपटना एक बड़ी एक चुनौती होगी, क्योंकि सरकार नहीं चाहेगी की जनता के बीच गलत मैसेज जाए.

दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनाव
2025 में दो बड़े राज्यों दिल्ली और बिहार में विधानसभा के चुनाव होंगे. इन चुनावों में मोदी सरकार की नितियों और कार्यों को लेकर जनता का वोट तय हो सकता है. इन चुनाव के नतीजे मोदी सरकार के लिए लिटमस टेस्ट की तरह होने वाले हैं.

विपक्षी और क्षेत्रीय दलों का सामना
मोदी सरकार को सर्वप्रथम विपक्षी पार्टियों की रणनीतियों का डटकर सामना करना होगा. वजह कि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सदन में भी पहले के मुकाबले उनकी संख्या बढ़ गई है. साथ ही कई स्थानीय मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को क्षेत्रीय दलों का भी सामना करना पड़ सकता है.

खबर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें  हमारे गूगलफेसबुकxइंस्टाग्रामयूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.

Url Title
new year 2025 will be the year to test modi government political skills know in detail
Short Title
New Year 2025: मोदी सरकार के लिए कितना अहम है ये नया साल, 5 पॉइंट्स में समझिए
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
पीएम मोदी
Date updated
Date published
Home Title

New Year 2025: मोदी सरकार के लिए कितना अहम है ये नया साल, 5 पॉइंट्स में समझिए

Word Count
504
Author Type
Author