डीएनए हिंदी: 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन (New Parliament Inauguration) होने वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. जिसकी तैयारियां जोरों से चल रही हैं. ब्रिटिश राज में बना संसद भवन 97 वर्षों तक भारत के राजनीतिक इतिहास का गवाह रहा. इस संसद में कई ऐसे महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. जिसने देश की दिशा और दशा बदल दी. अब भारत को नया संसद भवन मिलने जा रहा है. यहां पर जानते हैं कि पुराने और नए संसद भवन में क्या अंतर है.
पुराने संसद भवन का उद्घाटन 18 जनवरी, 1927 को लॉर्ड इरविन द्वारा किया गया था. उस समय संसद भवन को 'हाउस ऑफ पार्ल्यामेंट' कहा जाता था. इसी संसद भवन से ब्रिटिश सरकार चलाई जाती थी. वहीं, अगर नए संसद भवन की बात करें तो इसका शिलान्यास अक्टूबर 2020 में हुआ था. पीएम नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी. अब 28 मई, 2023 को इसका उद्घाटन भी वही करेंगे.
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इतनी लागत से बना था पुराना संसद
अंग्रेजों के जमाने में बनाये गए संसद भवन को बनाने में 83 लाख रुपये लगे थे. वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो नए संसद भवन के निर्माण में करीब 12 सौ करोड़ रुपये खर्च किये गए थे. अगर डिजाइन की बात करें तो पुराने संसद भवन की डिजाइन आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर ने की थी. नए संसद भवन को गुजरात की कंपनी एचसीपी ने डिजाइन किया है. आपको यह भी बता दें कि पुराने संसद भवन को 566 मीटर व्यास में बनाया गया था लेकिन बाद में जरुरत पड़ने पर इसमें दो मंजिलें जोड़ी गईं थी.
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पुराने संसद भवन और नए संसद भवन में अन्तर
पुराने संसद भवन में लोकसभा के लिए 543 सीटें जबकि राज्यसभा के लिए 250 सीटें हैं. नए संसद भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सीटें हैं. दोनों के निर्माण समय की बात करें तो पुराने संसद भवन के निर्माण में छह वर्ष का समय लगा था. जबकि नए संसद भवन को बनाने में तीन साल का समय लगा है.
पुराने संसद भवन का क्या होगा?
नया संसद भवन बनने के बाद ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि पुराने संसद भवन का क्या होगा. संसद भवन पर तैयार की गई एक पुस्तिका के मुताबिक, नए संसद भवन के निर्माण के बाद भी पुराने भवन का उपयोग जारी रहेगा. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मार्च 2021 में इस सवाल पर कहा था कि नए संसद भवन के निर्माण के बाद इस पुराने भवन की मरम्मत की जाएगी. इसका इस्तेमाल संसद से जुड़े कार्यक्रमों के आयोजन के लिए किया जाएगा.
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1200 करोड़ में बना नया संसद, पुराने संसद में लगी थी इतनी लागत, पढ़िए दोनों के बीच का अन्तर