New Criminal Laws detail: देश में सोमवार 1 जुलाई से आईपीसी के तहत अंग्रेजों द्वारा बनाए गए कानून खत्म होने जा रहे हैं. वहीं इनकी जगह 25 दिसंबर, 2023 को बनाए गए तीन नए आपराधिक कानून लागू हो जाएंगे. इनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) 2023 लागू हो जाएंगे.
भगोड़ों से वसूली जाएगी पाई-पाई
नए कानून लागू हो जाने से भगोड़े अपराधियों की संपत्ति विदेश में भी जब्त हो सकेगी. सरकार ने इन भगोड़े अपराधियों से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. लागू होने जा रहे नए कानूनों में इन भगोड़ों की संपत्ति विदेश में जब्त करने का प्रवधान रखा गया है.
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देश की न्यायिक व्यवस्था हो जाएगी ऑनलाइन
सरकार ने इन कानूनों में आतंकवाद और संगठित अपराध से निपटने के भी खास इंतजाम किए हैं. नए कानून लागू होते देश में पूरी न्यायिक पक्रिया ऑनलाइन हो जाएगी. इन कानूनों के तहत यौन उत्पीड़न के मामलों में 7 दिनों में ही जांच पूरी करनी होगी. साथ ही किसी भी मामले की रिपोर्ट लिखाने के लिए आपको थाने जाने की जरूरत नहीं है. आप ऑनलाइन ही उस मामले की रिपोर्ट करवा सकते है.
देश में एक समान न्याय प्रणाली
देश में एक समान न्याय प्रणाली की व्यवस्था की जाएगी. नए कानून लागू होते ही अपराधियों की गैर मौजूदगी में भी उन पर मुकदमा चल सकेगा. जिससे पीड़ित को न्याय मिलने में देरी नहीं होगी. पहले अक्सर देखने में आता था कि घोषित अपराधियों के पकड़ में ना आने से न्यायिक प्रक्रिया बाधित होती थी.
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अब 120 आपराधों में होंगे भगोड़ा घोषित
मौजूदा कानून में CRPC के तहत 19 अपराधों में ही भगोड़ा घोषित किए जाने का प्रावधान है, लेकिन 1 जुलाई से लागू हो रहे नए कानूनों में 120 अपराधों में भगोड़ा घोषित करने का प्रावधान किया गया है. 10 साल या उससे अधिक आजीवन कारावास या मौत की सजा वाले अपराधों में फरार व्यक्ति को घोषित अपराधी घोषित किया जाएगा. घोषित अपराधियों के लिए भारत के बाहर विदेशों में स्थित उनकी संपत्ति की पहचान, कुर्की और जब्ती के लिए एक नया प्रावधान बनाया गया है.
गैंगरेप करने वाले को सीधे मौत की सजा
नए कानून के तहत मॉब लिंचिंग के मामले में आरोपी को 7 साल की जेल और नाबालिग से गैंगरेप केस में आरोपी को उम्रकैद या मौत की सजा दी जाएगी. साथ ही आपराधिक मामलों की सुनवाई 45 दिनों में पूरी करनी होगी. झूठ बोलकर यौन संबंध बनाना भी अपराध माना जाएगा. महिला अधिकारी की उपस्थिति में ही पीड़िता का बयान होगा. सात साल या उससे अधिक की सजा के मामलों में फॉरेंसिक जांच होगी. मॉब लिंचिंग के मामलों में सात साल की सजा होगी.
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1 जुलाई से लागू हो जाएंगे नए कानून, विदेश में छुपे भगोड़ों से पाई-पाई वसूलेगा भारत