भारत में आज (1 जुलाई) से नए क्रिमिनल लॉ लागू हो गए हैं. भारत न्याय संहिता (BNS) के लागू होने पर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है. 77 साल बाद देश में कानून का भारतीयकरण हो रहा है. नए क्रिमिनल लॉ के तहत अब ऑनलाइन एफआईआर की भी व्यवस्था की गई है. गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बीएनएस में महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराधों में सजा के कठोर प्रावधान किए गए हैं.
'कानून का भारतीयकरण हो रहा है'
गृहमंत्री अमित शाह ने नए क्रिमिनल लॉ लागू होने के मौके पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी सवालों के जवाब दिया है. उन्होंने कहा, '75 साल के बाद कानूनों पर विचार हुआ है. आज से देश के सभी थानों में इन कानूनों पर काम शुरू होगा. आईपीसी जिसे इंडियन पीनल कोड के नाम से जाना जाता था, उसकी जगह अब भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस ने ले ली है. यह कानूनों का भारतीयकरण है'
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नए कानूनों के तहत होंगे कई बदलाव
गृहमंत्री ने कहा कि नए कानूनों के तहत महिलाओं और बच्चों के साथ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा, वंचित समुदाय के लोगों को भी इसमें लाभ मिलेगा. नए कानूनों के तहत बलात्कार और बच्चों के साथ यौन शोषण के अपराधों के लिए कानून सख्त किए गए हैं.
गैंगरेप के लिए अब 20 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान किया गया है. नाबालिग के साथ रेप में मौत की सजा दी जाएगी. इसके अलावा, लोगों को ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा भी दी गई है.
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गृहमंत्री ने नए कानूनों पर कहा, '77 साल बाद न्याय व्यवस्था का भारतीयकरण'