लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद नई सरकार के गठन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. BJP ने जहां 240 सीटें हासिल की हैं, वहीं एनडीए गठबंधन ने 293 सीटों हासिल की हैं. इसके साथ ही एनडीए अलायंस सरकार बनाने जा रही है. वहीं विपक्षी इंडिया ब्लॉक ने 234 सीटें हासिल की हैं. लेकिन पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में BJP ने कम सीटें हासिल की हैं. सीटों में अंतर की एक बड़ी वजह घटता-बढ़ता वोट शेयर है. कैसे कम हो गईं बीजेपी की सीटें और कांग्रेस कैसे निकली आगे, इसका एक बड़ा कारण है ग्रामीण इलाकों में वोटों में गिरावट.
ग्रामीण इलाकों में वोटों की गिरावट
जानाकारी के अनुसार, भाजपा ने ग्रामीण इलाकों में 35 प्रतिशत वोट हासिल किया है, जो किसी भी पार्टी से सबसे ज्यादा है. हालांकि 2019 के चुनाव की तुलना में इसमें 1 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है. पार्टी के सहयोगियों ने अपने ग्रामीण क्षेत्रों में वोट शेयर को 8 प्रतिशत पर बनाए रखा, जो पिछले चुनाव की तुलना में ज्यादा बदलाव नहीं दर्शाता है. इसका मतलब है कि हर 100 मतदाताओं में से 43 ने एनडीए को वोट दिया है. लेकिन इस बार इंडिया ब्लॉक ने एक प्रभावशाली प्रदर्शन किया है.
ग्रामीणों का भरोसा किसके साथ?
लकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस पर ग्रामीणों ने थोड़ा ज्यादा भरोसा जताया है. पिछले साल के मुकाबले इस साल समर्थन में मामूली वृद्धि देखने को मिली है. कांग्रेस का ग्रामीण वोट शेयर 21 प्रतिशत हो गया, जो 2019 के चुनाव परिणामों की तुलना में 2 प्रतिशत बढ़ा है.
बात दें कि कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों को ग्रामीण इलाकों में जबर्दस्त समर्थन मिला है. उनके ग्रामीण वोट शेयर में 13 प्रतिशत की बढ़त हुई और 2019 की तुलना में यह इस बार 21 प्रतिशत तक पहुंच गया. आंकड़ों के मुताबिक पिछले चुनाव में 100 में से केवल 29 मतदाताओं ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों को चुना था, इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में 100 में से 42 मतदाताओं ने इंडिया ब्लॉक के पक्ष में अपना वोट डाला है जो कि एक बड़ा आंकड़ा है.
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पिछले चुनाव के मुकाबले क्यों कम हुआ NDA का वोट शेयर, ग्रामीण इलाकों में वोटर्स ने किस पर जताया भरोसा