डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) के मौके पर देश में श्वेतक्रांति के जनक डा. वर्गीश कूरियन को भी याद कर रहा है. दूध और कोऑपरेटिव के साथ से देश ने दूध के उत्पादन में दुनिया में पहला स्थान पाया. उनकी रखी नींव का नतीजा है कि साल 2010-11 में देश में दूध का उत्पाद मूल्य गेहूं और चावल से कुल उत्पाद मूल्य से ज्यादा हो गया.

मौजूदा समय में दूध का उत्पाद मूल्य करीब 8.5 लाख करोड़ से ज्यादा है. लेकिन अभी भी हम अपने दूध उत्पादन के लक्ष्य से बहुत दूर हैं. ज्यादा दूध उत्पादन की जरूरत हर राज्य को है.

पिछले 6 सालों में 35 फीसदी बड़ा दूध का उत्पादन, लक्ष्य से बहुत पीछे

पिछले 6 सालों में देश में दुग्ध उत्पादन में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. जहां साल 2015-16 में दूध का उत्पादन 155 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) था जो कि साल 2020-21 में बढ़कर 210 MMT ही पहुंच पाया है.

Antibiotics: एंटीबायोटिक दवाइयां हो रहीं बेअसर, जा रही लोगों की जान, ICMR ने डॉक्टरों को दी ये सलाह



साल 2018 में जारी राष्ट्रीय कार्य योजना (National Action Plan) 2021 के तहत साल 2021-22 में दूध का उत्पादन 255 MMT और साल 2023-24 में 300MMT करने का लक्ष्य रखा गया था. एक्शन प्लान के मुताबिक साल 2015-16 से साल 2023-24 के बीच के 8 सालों में दूध का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया था. मंत्रालय द्वारा जारी आकंड़ो के अनुसार साल 2020-21 में दूध का उत्पादन 210 MMT तक ही पहुंचा है. ऐसे में लक्ष्य पाने की संभावना बहुत ही कम है.

देश का एक तिहाई दूध का उत्पादन राजस्थान और उत्तर प्रदेश से

वहीं अगर राज्यवार दूध का उत्पादन देखें तो देश के दो सबसे बड़े राज्यों से देश को 30 प्रतिशत दूध की आपूर्ति होती है. देश के दक्षिणी राज्यों में कुल 21% दूध का उत्पादन ही होता है. 
कर्नाटक और राजस्थान ने पकड़ी रफ्तार, यूपी का प्रदर्शन खराब

दूध उत्पादन मे सबसे ज्यादा वृद्धि करने वाला राज्य कर्नाटक है, जहां पिछले 6 सालों में दूध उत्पादन में 72 % की वृद्धि हुई है. वहीं राजस्थान में दूध का उत्पादन में 66% का इजाफा हुआ है. अब राजस्थान दूध उत्पादन के मामले में उत्तर प्रदेश की बराबर पहुंच गया है. इसके अलावा बिहार(38.8%) और छत्तीसगढ़ (36.8 %) में भी बेहतर ग्रोथ देखने को मिली है.

Murabba in Winter : सर्दियों में खाएं ये 4 तरह के मुरब्बे, ब्लड शुगर से लेकर कोलेस्ट्रॉल तक रहेगा दूर, इम्युनिटी होगी बूस्ट



वहीं अगर देश के सबसे बड़े उत्पादन राज्यों में से एक उत्तर प्रदेश को प्रदर्शन सबसे खराब रहा है. जहां पिछले 6 सालों में दूध का उत्पादन सिर्फ 18% ही बढ़ा है. साल 2015 में यूपी 26 MMT दूध का उत्पादन करता था. साल 2020-21 में यूपी का उत्पादन सिर्फ 31 MMT तक ही पहुंच पाया. यही नहीं साल 2019-20 के मुकाबले तो इसमें मामूली कमी भी दर्ज की गई.

 दूध का उत्पाद मूल्य, गेहूं और चावल से ज्यादा

साल 1990-91 में गेहूं और चावल का उत्पाद मूल्य 40,000 करोड़ रुपए था, जबकि दूध का उत्पाद मूल्य इसका महज 70% यानि 28,200 करोड़ ही था. 20 साल के बाद धीरे धीरे दूध और इसके उत्पाद को बाजार बढ़ता चला गया. साल 2010-11 में गेहूं और चावल का उत्पाद मूल्य 2.5 लाख करोड़ का हुआ. वहीं दूध का उत्पाद मूल्य 2.63 लाख करोड़ के पार हो गया है.

Reduce LDL Cholesterol: नसों में चिपका फैट पिघला देंगी ये 4 चीजें, कोलेस्ट्रॉल हाई होते ही ब्रेकफास्ट से डिनर तक में खा लें

अगले 8 सालों में, साल 2018-19 में दूध का उत्पाद मूल्य तीन गुना बढ़कर 7.7 लाख करोड़ पहुंच गया. वहीं गेहूं और चावल के उत्पाद मूल्य दोगुणा (4.9 लाख करोड़) ही बढ़ पाया था.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
National Milk Day Indian Need to increase milk production check statistics
Short Title
दूध का कारोबार 8.5 लाख करोड़ के पार, लक्ष्य से बहुत पीछे भारत, ये राज्य है वजह
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
भारत में दूध की खपत ज्यादा है. कुछ राज्य दूग्ध उत्पादन में पिछड़ रहे हैं.
Caption

भारत में दूध की खपत ज्यादा है. कुछ राज्य दूग्ध उत्पादन में पिछड़ रहे हैं.

Date updated
Date published
Home Title

दूध का कारोबार 8.5 लाख करोड़ के पार, लक्ष्य से बहुत पीछे भारत, ये राज्य है वजह