डीएनए हिंदी: अभी साल 2022 चल रहा है लेकिन बीजेपी (BJP) की चुनावी रणनीति को देखकर यह लग रहा है मानों पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों (Lok Sabha Election 2024) को लेकर अभी से सक्रिय हो गई है. पार्टी अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए समाज के पहले उपेक्षित वर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपनी रणनीति में बदलाव किया और फिर अब बीजेपी मुस्लिम वर्ग के धड़ों को लुभाने की कोशिश कर रही है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में कहा था कि कार्यकर्ता भाजपा को हिंदुओं के अलावा अन्य समुदायों में वंचित और दलित वर्गों तक पहुंचने के लिए काम करें. पीएम मोदी के इस संदेश को यूपी और बिहार में मौजूद पसमांदा मुसलमानों (Pasmanda Muslim) को साधने का संकेत माना जा रहा है. 

Akhilesh Yadav की सौतेली मां का निधन, जानिए आखिर कैसे मिले थे मुलायम और साधना

यूपी बिहार का चुनावी गणित

बीजेपी के लिए चुनावी रूप से यूपी और बिहार (Uttar Pradesh & Bihar) दोनों ही सबसे अहम राज्य हैं और पार्टी अब इन राज्यों में अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है. इसलिए इन राज्यों में सरकारी नीतियों के प्रभाव का विश्लेषण करने और उन्हें अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए जरूरी कदमों को मूल्यांकन किया जा रहा है.

आजमगढ़ और रामपुर में लोकसभा उपचुनावों (Azamgarh & Ramppur By Election) में पार्टी की जीत के बाद विशेष रूप से मुस्लिम दलित समुदाय पर भाजपी का पैनी नजर है. पार्टी को भी पता है कि वे दोनों ही हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है. भाजपा यदि इस क्षेत्र पर कब्जा जमाती है तो उसे बड़ा फायदा हो सकता है. 

कौन हैं पसमांदा मुसलमान?

अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह पसमांदा मुस्लिम कौन हैं तो आपको बता दें कि पसमांदा एक फ़ारसी शब्द है जिसका अर्थ 'पीछे छूटे हुए' है. इस शब्द का उपयोग मुसलमानों के बीच दलित वर्गों का वर्णन करने के लिए किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ मुस्लिम समाज ने सर्वाधिक भेदभाव किया है. ऐसे में पसमांदा मुस्लिमों ने समुदाय के भीतर जाति-आधारित भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है. 

कश्मीर मुद्दे पर Yashwant Sinha का बड़ा बयान, बोले- मैं अगर बना राष्ट्रपति तो... 

जाति-आधारित जनगणना के बिना पसमांदा मुसलमानों की सही आबादी और उनके जनसांख्यिकीय वितरण का पता लगाना मुश्किल है. वहीं सच्चर समिति ने ओबीसी और एससी/एसटी मुसलमानों की संख्या 40 प्रतिशत (अखिल भारतीय 2004-2005) रखी थी जबकि पसमांदा कार्यकर्ता और विद्वान इस आंकड़े को गलत होने का दावा करते हैं. उनका दावा करते हैं कि वे भारत में कुल मुस्लिम आबादी का 80-85 प्रतिशत तक हैं जो कहीं 1871 की जनगणना के करीब है जिसमें कहा गया था कि केवल 19 प्रतिशत मुसलमान ऊंची जाति के थे.

क्या हैं पसमांदा मुस्लिमों की मांगे

पसमांदा मुसलमानों का कहना है कि समुदाय के भीतर उनकी भारी ताकत के बावजूद, नौकरियों, विधायिकाओं और सरकार द्वारा संचालित संस्थानों के साथ-साथ समुदाय द्वारा संचालित मुस्लिम संगठनों में उनका प्रतिनिधित्व कम है. उनकी प्रमुख मांगों में जाति-आधारित जनगणना आयोजित करना, मौजूदा आरक्षण श्रेणियों का पुनर्गठन, और कारीगरों, शिल्पकारों और खेतिहर मजदूरों के लिए राज्य का समर्थन शामिल है.

IIT Kanpur ने बनाई ऐसी जैकेट, जो लद्दाख की बर्फीली ठंड में भारतीय जवानों को रखेगी गर्म

इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि दलित मुसलमानों को एससी सूची में शामिल किया जाए और ओबीसी कोटा को केंद्र और राज्य स्तर पर एक अत्यंत पिछड़ी जाति (ईबीसी) श्रेणी बनाने के लिए फिर से डिजाइन किया जाए ताकि हिंदू ईबीसी के साथ सबसे पिछड़े मुसलमानों को शामिल किया जा सके और उन्हें भी सभी प्रकार की सुविधाओं का लाभ मिल सके. 

साधने में जुटी है BJP 

आरएसएस से जुड़े मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (MRM) का कहना है कि पसमांदा मुसलमान बीजेपी और उसके सहयोगी संगठनों के भीतर  अपनी सहभागिता बढ़ा रहे हैं. पसमांदा मुस्लिम समुदाय ने पीएम मोदी के इस बयान का स्वागत किया है कि "उनके जैसे सामाजिक रूप से पिछड़े अल्पसंख्यकों तक पहुंचने का प्रयास किया जाना चाहिए", उनके नेता भी 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की ओर एक कदम उठाने को तैयार हैं. 

इस्राइली तकनीक वाले देशी DRONE खरीदेगी भारतीय सेना, चीन और पाक सीमा पर घुसपैठियों को बनाएगी निशाना

यदि ऐसा होता है कि जाति आधारित राजनीति में एक बार फिर बीजेपी अन्य विपक्षी दलों को मात दे देगी और विपक्ष के हाथ से मुस्लिम समाज का एक बड़ा वर्ग निकल सकता है. गौरतलब है कि पहले ही तीन तलाक का मुद्दा का उठाकर बीजेपी ने  मुस्लिम समाज की  महिलाओं को बड़ी संख्या में अपने साथ जोड़ा था और इसी के तहत अब उनका अगला टारगेट पसमांदा मुस्लिम हो सकते हैं. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
Muslim Vote Bank BJP's Pasmanda Muslims 2024 elections know big demand of community
Short Title
024 के चुनावों के लिए पसमांदा मुस्लिमों पर है BJP की नजर
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Muslim Vote Bank BJP's Pasmanda Muslims 2024 elections know big demand of community
Date updated
Date published
Home Title

Election 2024 के लिए पसमांदा मुस्लिमों पर है BJP की नजर, जानिए क्या हैं इस समाज की बड़ी मांगे