मुंबई दंगों (Mumbai Riots) के एक आरोपी को 31 साल की सजा जेल में काटने के बाद आखिरकार कोर्ट ने बरी कर दिया है. 9 जनवरी, 1993 को मुंबई के सेवरी इलाके में नादिर शाह को राजेश सावंत, संजय परब और अभिक्षित गवली पर हमले के आरोप में कुछ दिन पहले ही अरेस्ट किया गया था. वह लगभग 31 साल तक फरार रहा था. खान पर 300 लोगों की भीड़ पर हमला करने और हत्या की कोशिश का आरोप था. हालांकि, कोर्ट ने सभी आरोपों से बरी कर दिया है.
31 साल बाद मुंबई की कोर्ट ने किया बरी
मुंबई (Mumbai) की एक सत्र अदालत ने इस हफ्ते नादिर शाह को बरी कर दिया है. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि एक पीड़ित दंगों को नियंत्रित करने के लिए हुई पुलिस फायरिंग में घायल हुआ था. कोर्ट ने माना कि शाह के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और पीड़ित उसकी पहचान भी नहीं कर पाए थे.
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31 साल तक फरार रहने के बाद हुआ अरेस्ट
आरोपी बनाए जाने के बाद से नादिर शाह फरार चल रहा था. दंगों के आरोप में पुलिस ने इस साल की शुरुआत में उसे अरेस्ट किया था. हालांकि, आखिरकार 31 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया है.
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सरकारी पक्ष की ओर से आरोपी को पक्षद्रोही बनाया गया था, लेकिन उसके खिलाफ कोई रिकॉर्ड नहीं पेश किया गया था.
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31 साल बाद कोर्ट ने मुंबई दंगों के आरोपी को 65 की उम्र में किया रिहा