Mukesh Ambani news: उद्योगपति मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज की एक सहयोगी कंपनी पर 125 करोड़ रुपए का जुर्माना लग सकता है. अपने परफेक्शन के लिए पहचाने जाने वाले मुकेश अंबानी से लगता है इस बार कोई चूक हो गई है. यही वजह है कि उनकी सहयोगी इस कंपनी पर 125 करोड़ का जुर्माना लग सकता है. 

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी बैटरी सेल प्लांट समय पर स्थापित नहीं कर सकी, जिससे कंपनी पर जुर्माना लगाने की संभावना जताई जा रही है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस न्यू एनर्जी लिमिटेड ने एक सरकारी योजना के तहत बोली जीतकर इस प्लांट की स्थापना का दायित्व लिया था. इस पहल का उद्देश्य देश को बैटरी के लिए आयात पर निर्भर होने से बचाना, स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना और रोजगार के अवसर सृजित करना था.

बता दें, प्रधानमंत्री मोदी ने देश में मेन्यूफेक्चरिंग को ग्रॉस जीडीपी के के 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. हालांकि, इस सेक्टर की ग्रॉस जीडीपी में हिस्सेदारी 2014 में 15 प्रतिशत से घटकर 2023 में 13 प्रतिशत हो गई है.

...इसलिए लग सकता है जुर्माना
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, देश में ही उत्पादन को बढ़ावा देने की भारत सरकार की पीएलआई योजना के तहत रिलायंस की न्यू एनर्जी लिमिटेड ने एक बोली जीती थी. यह बोली बैटरी सेल निर्माण के लिए थी. रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी प्लांट स्थापित करने की समय सीमा से चूक सकती है. इस स्थिति में कंपनी को 125 करोड़ रुपये या 1.43 करोड़ डॉलर तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है. हालांकि, इस मामले रिलायंस इंडस्ट्रीज और हैवी इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है. 

इस साल लगाई थी बोली
साल 2022 में रिलायंस न्यू एनर्जी के अलावा राजेश एक्सपोर्ट्स, और ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की एक यूनिट ने बैटरी सेल प्लांट स्थापित करने की सरकारी बोली जीती थी, जिसका उद्देश्य देश की ईवी कंपनियों की आयात निर्भरता को कम करना था. यह प्लांट पीएलआई स्कीम के तहत तैयार किया जाना था, जिसके लिए 181 अरब रुपए की सब्सिडी निर्धारित की गई थी. इस परियोजना में 30 गीगावाट-घंटे की कैपेसिटी के एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज का निर्माण प्रस्तावित था. 

सरकार ने तीनों कंपनियों की संयुक्त इकाई को दो वर्षों के भीतर न्यूनतम प्रतिबद्ध क्षमता और 25% लोकल वैल्यू एडिशन का लक्ष्य पूरा करने का निर्देश दिया था, जिसे पांच साल में 50% तक ले जाना था. हालांकि, ये कंपनियां इस लक्ष्य को हासिल करने में विफल रहीं, जबकि भाविश अग्रवाल की ओला सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने PLI स्कीम का लाभ उठाते हुए बेहतर प्रदर्शन किया. ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता के अनुसार, कंपनी ने मार्च 2023 में टेस्टिंग प्रोडक्शन शुरू कर दिया था और अब पहली तिमाही में लिथियम-आयन सेल के वाणिज्यिक उत्पादन की योजना बना रही है. प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि ओला इलेक्ट्रिक तय डेडलाइन को पूरा करने के सही रास्ते पर है.


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Mukesh Ambani in trouble this company of Reliance Industries may be fined Rs 125 crore know where the mistake happened
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'मुश्किल' में मुकेश अंबानी
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'मुश्किल' में मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज की इस कंपनी को लग सकता है 125 करोड़ का जुर्माना, जानें कहां हुई चूक?

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