डीएनए हिंदी: गुजरात के मोरबी में पुल गिरने की घटना ने देश को झंकझोर कर रख दिया है. इसमें कंस्ट्रक्शन कंपनी की लापरवाही सामने आई है तो वहीं घायलों और पीड़ितों से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने मुलाकात की थी. वहीं अब मोरबी के भीषण हादसे से जुड़ी कहानियां लोगों को और अधिक स्तब्ध कर रही हैं. कुछ ऐसी ही कहानी दो भाईयों की है जो कि मोरबी हादसे के बाद लोगों की मदद में नदीं में कूद गए. इन दोनों भाईयों ने कई लोगों को निकाला था लेकिन इन्हीं कई लोगों को निकालने के बीच उन्होंने अपने बेटे का शव भी निकाला था जो कि उनके लिए किसी पहाड़ टूटने से कम नहीं था. 

दरअसल, मोरबी में जब पुल गिरने का दर्दनाक हादसा हुआ तो ये दोनों भाई वहीं थे. इस दौरान उन्होंने पानी में डूबते लोगों को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. इन दोनों भाईयों के नाम गणपत राठौर और मोनू हैं. इन लोगों ने लोगों की जितना हो सके उतनी हर संभव मदद की. इस दौरान इन्होंने जाने-अनजाने में एक ऐसा शव भी निकाला जो कि इनके बेटे का था जो कि इसी हादसे का शिकार हुआ था.  गणपत ने अचानक ही अपने बेटे की मोटरसाइकिल देखी जिससे वे समझ गए जरूर उनका बेटा भी पुल पर ही था. 

यूपी और ओडिशा समेत 5 राज्यों में 5 दिसंबर को होंगे उपचुनाव, 8 को आएंगे नतीजे

जानकारी के मुताबिक मनु और गणपत का एक-एक बेटा है और उन्होंने कभी-भी अपनी आर्थिक तंगी को अपने बेटों की शिक्षा में बाधा नहीं बनने दिया. अपने भाई को सांत्वना देते हुए मनु ने कहा, "विजय को हाल ही में होमगार्ड की नौकरी के लिए चुना गया था और उसे 1 नवंबर से ड्यूटी पर शामिल होना था. उसकी मृत्यु से दो दिन पहले उसे अपनी वर्दी भी मिली थी. मेरे बेटे जगदीश ने भी खुद को सक्षम बनाया है और वह एक कपड़े की दुकान में नौकरी करता है.

गणपत ने बताया था कि उन दोनों ने दोनों ने 12 शव बरामद किए और शोक संतप्त परिवार के सदस्यों की पहचान के लिए उनकी व्यवस्था करते हुए उन्होंने अचानक अपने बेटे की मोटरसाइकिल को सस्पेंशन ब्रिज गेट के पास देखा.  उन्होंने बेटे की मोटरसाइकिल देखते हुए होश खो दिए थे. अपने भाई को अपने बेटे की मोटरसाइकिल पर घूरते हुए देखकर, बड़े भाई को तुरंत समझ में आ गया कि विजय वहाँ अकेले नहीं जा सकता था और निश्चित रूप से अपने चचेर भाई को भी साथ ले गया था. राजमिस्त्री का काम करने वाले गणपत ने कहा, "ऐसा इसलिए है क्योंकि चचेरे भाई न केवल एक साथ पढ़ते और खेलते थे, बल्कि वे साथ पले-बढ़े भी थे. 

देवेंद्र फडणवीस का बड़ा खुलासा, 'बदले की आग में गिराई थी उद्धव ठाकरे की सरकार'

अपने घर को लेकर उन्होंने बताया है कि उनका घर प्रधानमंत्री आवस योजना के तहत बना है लेकिन अब उनके घर में कोई रहेगा ही नहीं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से 6 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया गया है लेकिन वे उसका क्या कर सकते हैं क्योंकि अपना बेटा ही खो दिया है.  उन्होंने कहा है कि उन दोनों ने ही अपने बेटों को खोकर अपना सबुकछ खो दिया है.

आपको बता दें कि मोरबी पुल का पुनर्निर्माण करने वाली कंस्ट्रक्शन कंपनी समेत 9 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस मामले में कह चुके हैं कि आरोपियों को सख्त सजा दिलवाएंगे.  वहीं इस मामले में अब जांच एजेंसियां एक-एक पहलू की सख्ती से जांच भी कर रही है, वहीं प्रथम दृष्टया सबसे बड़ी दोषी कंस्ट्रक्शन कंपनी ओरेवा ही दिख रही है जिसकी मुसीबत आने वाले वक्त में तेजी के साथ बढ़ सकती है. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
Morbi Bridge Collapse Two brothers were engaged rescue work son body found rubble
Short Title
मोरबी में पुल गिरने पर बचाव कार्य में जुटे थे दो भाई, मलबे में मिला बेटे का शव
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Morbi Bridge Collapse Two brothers were engaged rescue work son's body found rubble
Date updated
Date published
Home Title

मोरबी में पुल गिरने पर बचाव कार्य में जुटे थे दो भाई, मलबे में मिले बेटे के शव