डीएनए हिंदी: एक कुली जिसे लोग मास्टर जी कहते हैं. यह मास्टर जी कुछ खास हैं क्योंकि ये मूनलाइटिंग करते हैं. ये दिन में बच्चों को पढ़ाते हैं लेकिन रात में ओडिशा के गंजाम जिले के रेलवे स्टेशन पर कुली काम करते हैं और यात्रियों के सामान का बोझ उठाते हैं. इस शख्स का नाम नागेशु पात्रो है. 31 साल के नागेशु दिन में एक निजी कॉलेज में गेस्ट लेक्चरार काम काम करते हैं, कई गरीब बच्चों के लिए कोचिंग शुरू की है जिसमें वह पढ़ाते हैं और रात को कुली का काम करते हैं.
नागेशु ने अपने काम को लेकर बताया, "मैं जो कुछ भी कमाता हूं वह ज्यादातर कोचिंग सेंटर में शिक्षकों को भुगतान करने में खर्च होता है." ऐसा नहीं है कि पात्रो अकेले पढ़ाते हैं बल्कि उन्होंने चार शिक्षकों को नियुक्त किया है, जिन्हें वह 2,000 रुपये से 3,000 रुपये मासिक वेतन देते हैं. वह अपनी शिक्षण नौकरियों से प्रति माह लगभग 8,000 रुपये कमाते हैं.
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Odisha | A railway porter by night, Berhampur's Ch Nageshu Patro becomes a teacher for young and poor children during the day. The 31-year-old also teaches at a private college as a guest lecturer. pic.twitter.com/yZdBetJx5p
— ANI (@ANI) January 8, 2023
गेस्ट लेक्चर भी लेते हैं नागेशु
जानकारी के मुताबिक पात्रो को हर एक गेस्ट लेक्चर के लिए 200 रुपये मिलते हैं और एक सप्ताह में अधिकतम सात कक्षाएं ले सकते हैं. ऐसे में इस लेक्चर से ज्यादा कमाई होती है. नागेशु ने बताया है कि अपने पिता चौधरी रमा पात्रो और मां कारी के साथ पास के मनोहर गांव में रहते हैं. उन्होंने बताया है कि उन्होंने पढ़ाना जारी रखा क्योंकि वह इस पेशे से प्यार करते हैं और चाहते हैं कि गरीब छात्र अच्छा करें.
पात्रो ने बताया है कि 2006 में रेग्युलर हाई स्कूल नहीं कर सके क्योंकि बकरियां और भेड़ चराने वाले माता-पिता उनके एजुकेशन का खर्च नहीं उठा सकते थे उन्होंने बताया कि नौकरी की तलाश में गुजरात के सूरत जाने के लिए मजबूर होना पड़ा था. उन्होंने बताया कि वे सूरत से लौटे तो उन्होंने सेल्समैन के तौर पर भी काम किया था और साल 2011 में कुली बन गए थे.
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कुली का काम करते-करते की थी पढ़ाई
कुली के रूप में काम करते हुए पात्रो ने 2012 में पत्राचार पाठ्यक्रम के माध्यम से कक्षा 12वीं की परीक्षा देने का फैसला किया एचएससी परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने नियमित छात्र के रूप में बरहामपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर किया, यह सब रात में कुली के रूप में काम करते हुए किया. इसके बाद वे जिस तरह दिन में पढ़ाई करते थे और रात में कुली काम करते थे, ठीक उसी तरह रात में कुली काम करते हुए उन्होंने दिन में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था जो कि काफी सफल प्रयोग रहा.
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Moonlighting: रात में कुली का काम, दिन में गरीब बच्चों का टीचर, खास है ये मूनलाइटिंग