डीएनए हिंदी: ओडिशा में शुक्रवार को भीषण रेल हादसा होने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने शनिवार को सभी एयरलाइंस को निर्देश दिया कि भुवनेश्वर आने-जाने वाली उड़ानों के किराए में असामान्य वृद्धि पर निगरानी रखें और ऐसा होने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाएं. मंत्रालय ने इसके अलावा कहा कि दुर्घटना के कारण किसी हवाई यात्रा के टिकट को रद्द करने और यात्रा का पुनर्निधारण करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लेना चाहिए. मंत्रालय ने इस संबंध में सभी विमानन कंपनियों को परामर्श जारी किया है.
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'ओडिशा में हुए रेल हादसे को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सभी विमानन कंपनियों को भुवनेश्वर आने वाली और वहां से जाने वाली उड़ानों के हवाई किराए में असामान्य वृद्धि पर नजर रखने और इस पर रोक लगाने के लिए जरूरी कार्रवाई करने की सलाह दी है. मंत्रालय ने कहा कि सभी एयरलाइंस बेवजह का किराया बढ़ाकर आम जनता पर बोझ न डालें.
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तीन ट्रेनों के टकराने से हुआ हादसा
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार शाम भीषण रेल हादसे में कम से कम 288 लोगों की मौत हो गई. देश के सबसे भीषण रेल हादसों में से एक इस दुर्घटना में 800 से ज्यादा यात्री घायल हुए हैं. बालासोर जिले में 12841 शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतरने और एक मालगाड़ी से टकराने से यह हादसा हुआ. अधिकारी ने बताया कि दोनों एक्सप्रेस रेलगाड़ियों में 2,200 से अधिक यात्री सवार थे. रेलवे ने कहा कि ‘अप मेन लाइन’ से गुजरते समय 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हो गई और हावड़ा से लगभग 280 किलोमीटर और भुवनेश्वर से 171 किलोमीटर दूर स्थित बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक ‘लूप लाइन’ में खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई.
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गौरतलब है कि भारतीय रेल की ‘लूप लाइन’ एक स्टेशन क्षेत्र में निर्मित की जाती है और इस मामले में यह बाहानगा बाजार स्टेशन है. इसका (लूप लाइन का) उद्देश्य परिचालन को सुगम करने के लिए अधिक रेलगाड़ियों को समायोजित करना होता है. रेलवे ने कहा कि टक्कर इतनी जोरदार थी कि रेलगाड़ी के जो 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, तीन डिब्बे बगल की पटरी पर गिर गये और उसी समय वहां 12864 बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस विपरीत दिशा में गुजर रही थी. रेलवे ने कहा कि बेंगलुरु-हावड़ा ट्रेन ‘डाउन ट्रैक’ पर कोरोमंडल एक्सप्रेस के गिरे हुए डिब्बों से टकरा गई और इसके पिछले दो डिब्बे पटरी से उतर गए.
किस ट्रेन कितने यात्री थे सवार?
अधिकारियों ने बताया, ‘कोरोमंडल एक्सप्रेस में आरक्षित टिकट वाले लगभग 1,257 यात्री सवार थे, जबकि बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस में आरक्षित टिकट वाले 1039 यात्री यात्रा कर रहे थे.’ उन्होंने बताया कि कई अन्य यात्री भी थे जो दोनों ट्रेनों के अनारक्षित डिब्बों में यात्रा कर रहे थे. रेलवे ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को दो-दो लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की.
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मोदी सरकार का एयरलाइंस को सख्त निर्देश, ट्रेन हादसे के बाद फ्लाइट का बेवजह न बढ़ाएं किराया