डीएनए हिंदी: भारत के सबसे लंबी दूरी के तैराकों में से एक मिहिर सेन इंग्लिश चैनल को तैर कर पार करने वाले पहले एशियाई थे और एक साल में पांच महाद्वीपों के महासागरों में तैरने वाले दुनिया के एकमात्र व्यक्ति थे. इस उल्लेखनीय उपलब्धि ने सेन को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दिलाई थी. आज उनकी पुण्यतिथि है.
मिहिर सेन का 11 जून को देहांत हुआ था वे तैराकी के क्षेत्र में भारत के अनमोल सितारे माने जाते थे. सेन का जन्म 1930 में पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था. 1938 में उनका परिवार कटक ओडिशा चला गया. उनके पिता रमेश सेन गुप्ता एक डॉक्टर थे.
मिहिर सेन बचपन से ही विदेश में अपनी पढ़ाई पूरी करने का सपना देखा था और उनका सपना ओडिशा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की मदद से सच हुआ जिन्होंने उत्कल विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद इंग्लैंड के लिए अपना टिकट वित्तपोषित किया था.
इंग्लैंड में सेन ने 1950 गर्ट्रूड एडरले की उपलब्धियों को पढ़ने के बाद जो इंग्लिश चैनल को पार करने वाली पहली महिला थीं इसे पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हो गईं थी. सेन में भी एक बहुत मजबूत राष्ट्रवादी लकीर थी जिसमें भारत के लिए गहरा प्यार और अपने देश को गौरवान्वित करने का एक मिशन शामिल था.
उनकी बेटी सुप्रिया सेन ने द टेलीग्राफ में एक लेख में लिखा था, "सात समुद्रों को तैरने का उनका मकसद मुख्य रूप से राजनीतिक था. असामान्य रूप से मजबूत विचारों और अपरंपरागत महत्वाकांक्षा के एक युवा राष्ट्रवादी होने के नाते वह दुनिया को दिखाना चाहते थे कि भारतीय किस चीज से बने हैं. युवा भारतीयों के लिए साहस की एक मिसाल कायम करना चाहते हैं और उन्हें यह बताना चाहते थे कि जीवन के लिए सबसे अच्छी चीजों में से एक जोखिम है."
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मिहिर सेन ने इंग्लिश चैनल तैरकर पूरी दुनिया में नाम कमाया था उन्होंने इंग्लिश चैनल को महज 14 घंटे 45 मिनट में पार कर लिया. वह 5 अलग-अलग महाद्वीपों में तैर चुके थे. 1966 में उन्होंने भारत और श्रीलंका के बीच यानी पाक जलडमरूमध्य के पार तैरना शुरू किया. इसके अलावा उन्होंने अगस्त में स्पेन और मोरक्को के बीच जिब्राल्टर के जलडमरूमध्य को पार किया और जिब्राल्टर के जलडमरूमध्य को पार करने वाले पहले एशियाई बने.
इसे कवर करने में उन्होंने 8 घंटे 1 मिनट का समय लिया. वह सितंबर के महीने में 13 घंटे 55 मिनट में स्ट्रेट ऑफ डार्डानेल्स में 40 मील की लंबाई तैरने वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन गए. नतीजतन, वह 4 घंटे में बोस्फोरस तैरने वाले पहले भारतीय और एक ही वर्ष में 34 घंटे और 15 मिनट में पूरे पनामा नहर में 50 मील की लंबाई तैरने वाले पहले गैर-अमेरिकी बन गए.
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1956 में मिहिर को पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1967 में उन्हें सर्वोच्च नागरिक के रूप में इंदिरा गांधी द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था. उसी वर्ष, उन्होंने दुनिया के सात समुद्रों को जीतने के लिए ब्लिट्ज नेहरू ट्रॉफी जीती थी. अपने जीवन के बाद के चरण में मिहिर अल्जाइमर और पार्किंसंस रोगों से पीड़ित थे जिससे उनका करियर खत्म हो गया और साल 1997 में 66 साल की उम्र में उनका निधन हो गया.
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मिहिर सेन ने इंग्लिश चैनल पार कर रचा था इतिहास, गिनीज बुक में दर्ज हैं उनकी उपलब्धियां