डीएनए हिंदी: दिल्ली नगर निगम (Municipal Corporation of Delhi) के तीनों हिस्सों को एक किए जाने के बाद अब सीटों की संख्या में भी बदलाव कर दिया गया है. केंद्र सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब एमसीडी में 272 के बजाय अधिकतम 250 वार्ड ही होंगे. इनमें से कुल 42 सीटें अनुसुचित जाति के लिए आरक्षित रहेंगी. एमसीडी के अगले चुनाव (MCD Elections) इसी के हिसाब से होंगे. रिपोर्ट के मुताबिक, सीटों की यह संख्या साल 2011 की जनगणना के मुताबिक तय की गई है. दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने के बाद जुलाई में तीन सदस्यीय आयोग बनाया गया था.
इसी साल मई महीने में केंद्र सरकार ने तीनों एनडीएमसी, दक्षिण दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को मिलाकर एक ही नगर निगम बनाने का फैसला लिया था. दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने 18 मई को, एनडीएमसी ने 19 मई को और ईस्ट एमसीडी ने 22 मई को अपना कार्यकाल पूरा कर लिया था. यही वजह थी कि 19 मई को केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया था कि अब तीनों नगर निगमों का विलय कर दिया गया है.
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AAP और बीजेपी में जारी है टकराव
नगर निगम के चुनाव टालने और परिसीमन का मुद्दा सामने आने पर आम आदमी पार्टी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला था. AAP का कहना है कि बीजेपी को एमसीडी चुनाव में हार का डर है इसीलिए वह इन चुनावों को टाल रही है. वहीं, बीजेपी का तर्क है कि ऐसा करके एमसीडी का प्रबंधन दुरुस्त होगा और घाटे में चल रही एमसीडी के फंड का इंतजाम भी बेहतर हो सकेगा.
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रिपोर्ट के मुताबिक, नए सिरे से किए जा रहे परिसीमन का काम खत्म होते ही दिल्ली में नगर निगम के चुनाव करवाए जाएंगे. लगातार तीन बार से दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी का दावा है कि एमसीडी के इस चुनाव में वह जोरदार जीत हासिल करेगी और तीन बार से एमसीडी पर काबिज बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देगी.
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केंद्र सरकार ने दिल्ली नगर निगम में घटाईं 22 सीटें, अब अधिकतम 250 वार्ड के लिए होंगे चुनाव