डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बहुजन समाज पार्टी (BSP) की अध्यक्ष मायावती (Mayawati) ने बड़ा ऐलान किया है. मायावती ने साफ कर दिया है कि आगामी लोकसभा और विधनासभा चुनाव बीएसपी अकेले लड़ेगी. मायावती ने उस सभी अटकलों को खारिज कर दिया है जिसमें उनके विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA या भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए किसी एक में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे.
मायावती ने बुधवार को ट्वीट किया, 'एनडीए व इंडिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरोध में बीएसपी संघर्ष कर रही है. इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता. अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज.'
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1. एनडीए व इण्डिया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियाँ हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।
— Mayawati (@Mayawati) August 30, 2023
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मायावती ने कहा कि हा कि बसपा विरोधियों के जुगाड़ और जोड़तोड़ से अच्छा है समाज के टूटे बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को जोड़कर चुनाव लड़ा जाए. उन्होंने कहा कि बसपा आगामी लोकसभा और चार राज्यों को विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. बीएसपी की लड़ाई 2007 के चुनाव की तरह होगी. इसलिए मीडिया से गुजारिश है को वह तरह-तरह की भ्रांतियां न फैलाए.
इमरान मसूद को निकालकर दिया था संकेत
गौरतलब है कि मायावती ने जब अपने पूर्व विधायक इमरान मसूद को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में मंगलवार को निष्कासित किया था, तभी संकेत दे दिया था कि बसपा आगामी चुनाव अकेले लड़ेगी. बता दें कि इमरान मसूद ने हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रशंसा को लेकर चर्चा में आए थे. सहारनपुर जिले के प्रभावशाली मुस्लिम नेता मसूद ने 23 अगस्त को पार्टी प्रमुख मायावती की अध्यक्षता में लखनऊ में हुई बसपा नेताओं और पदाधिकारियों की बैठक में भी शिरकत नहीं की थी. पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इमरान मसूद कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) में चले गए थे.
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हालांकि चुनाव के बाद सितंबर 2022 में वह सपा छोड़कर बसपा में शामिल हो गए. बसपा की सहारनपुर इकाई द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि मसूद को पूर्व में अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई सुधार नहीं होने पर उन्हें बसपा से निष्कासित कर दिया गया है. बसपा ने बयान में कहा है कि जब वह पार्टी में आए थे तब उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि दी गई जिम्मेदारी को पूरा करने पर ही उन्हें सहारनपुर सीट से लोकसभा का टिकट दिया जाएगा.
पूर्व केन्द्रीय मंत्री रशीद मसूद के भतीजे इमरान सहारनपुर की तत्कालीन मुजफ्फ्फराबाद (अब बेहट) सीट से विधायक (2007-2012) रहे हैं. वह वर्ष 2014 और 2019 में सहारनपुर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके थे.
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INDIA बनाम NDA की लड़ाई से मायावती बाहर, 2024 में अकेले लड़ने का ऐलान