डीएनए हिंदी: मणिपुर में पिछले दो महीने से भड़की हिंसा थम नहीं रही है. बिष्णुपुर जिले में अज्ञात बंदूकधारियों के साथ गोलीबारी में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग घायल हो गए. पुलिस ने कहा कि खोइजुमंताबी गांव में शनिवार देर रात को यह घटना उस वक्त हुई जब ‘ग्राम स्वयंसेवक’ अस्थायी बंकर से इलाके की रखवाली कर रहे थे. वहीं राहत की बात ये है कि ऑपरेशन सस्पेंशन के तहत दो उग्रवादी संगठनों ने रविवार को नेशनल हाइवे-2 से नाकेबंदी हटा दी है. हाइवे को पिछले दो महीने से कुकी समुदाय के संगठनों ने रोक रखा था. इस पर वाहनों की आवाजाही बिल्कुल बंद थी.
यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (यूपीएफ) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (केएनओ) ने एक संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा ‘शांति और सद्भाव बहाल करने का आह्वान किए जाने के बाद तत्काल प्रभाव से नाकेबंदी हटा ली गई है. हालांकि, कुकी नागरिक समाज समूह ‘कमेटी ऑन ट्राइबल यूनिटी’ (सीओटीयू) ने अभी तक आधिकारिक तौर पर आंदोलन वापस नहीं लिया है. सीओटीयू ने ही 2 महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 को अवरुद्ध करने की घोषणा की थी.
3 मई को NH-2 को कर दिया गया था बंद
मणिपुर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग हैं -एनएच-2 (इम्फाल-दीमापुर) और एनएच-37 (इम्फाल-जिरीबाम) है. 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़कने के बाद से एनएच-2 को कुकी संगठनों ने ब्लॉक कर दिया था और मई के अंत में अमित शाह की यात्रा के बाद इसे अस्थायी रूप से खोल दिया गया था. घटनाक्रम से जुड़े करीबी सूत्रों ने बताया कि नाकेबंदी हटाने का निर्णय असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के साथ यूपीएफ, केएनओ और अन्य कुकी समूहों की हाल में गुवाहाटी में हुई बैठक के बाद लिया गया है.
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संयुक्त बयान में कहा गया, ‘यह निर्णय नागरिक समाज संगठनों, ग्राम प्रधानों और महिला नेताओं के साथ कई मौकों पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया.’ मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा में अब तक 120 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. बिष्णुपुर जिले में रविवार को तीन लोगों की गोलीमारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने बताया कि गोलीबारी कई घंटे चली, जिसमें पांच लोग घायल भी हुए. पुलिस ने बताया कि इनमें से गंभीर रूप से घायल कुछ लोगों को इंफाल के अस्पताल ले जाया गया. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह स्थिति का जायजा लेने के लिए घटनास्थल पहुंचे और स्थानीय लोगों से बात की.
मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाए की कितनी आबादी
पूर्वोत्तर के राज्य में मेइती और कुकी समुदायों के बीच छिड़ी जातीय हिंसा थम नहीं रही है. मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी. मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में रहती है. (भाषा इनपुट के साथ)
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मणिपुर में हिंसा के 2 महीने बाद खुला नेशनल हाइवे, केंद्र की इस पहल को माना कुकी समुदाय