मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने (Manipur Violence) की वजह से एक बार फिर प्रदेश में तनाव चरम पर पहुंच गया है. पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती के साथ आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए आरएएफ (RAF) की टुकड़ियां भी तैनात की गई हैं. अफवाहों और भड़काऊ पोस्ट पर लगाम लगाने के लिए 15 सितंबर तक इंटरनेट बैन कर दिया गया है. प्रदेश के ज्यादातर स्कूल-कॉलेज भी बंद हैं. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाबलों की गश्ती चल रही है और अतिरिक्त फोर्स मंगाई गई है.
प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर किया पथराव
मणिपुर में हालात चिंताजनक बने हुए हैं. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों पर जमकर पथराव किया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दंगा नियंत्रण वाहनों के साथ आरएएफ को बुलाया गया है. दूसरी ओर भारी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने सड़कें ब्लॉक कर दी हैं. पुलिस पर पथराव की कई घटनाएं हुई हैं जिसके बाद पुलिस ने भी आंसू गैस के गोले दागे हैं. पिछले एक साल से मणिपुर में तनाव के हालात बने हुए हैं.
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राज्य में लागू किया गया सार्वजनिक आपातकाल
मणिपुर में पिछले साल जुलाई-अगस्त के महीने में हिंसा के हालात देखने को मिले थे. करीब साल भर बाद एक बार फिर पूरा प्रदेश हिंसा की आग में धधक रहा है. सितंबर के पहले हफ्ते से मणिपुर में हिंसा की कई घटनाएं देखने को मिली हैं. प्रदर्शनकारियों ने ड्रोन से हवाई बमबारी की है. इसके अलावा, आरपीजी लॉन्च करने और अत्याधुनिक हथियारों के इस्तेमाल ने पुलिस और सेना को भी हैरान कर दिया है. जातीय हिंसा के भड़कने के बाद कोऑर्डिनेटिंग कमेटी की ओर से सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा कर दी गई है.
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मणिपुर में स्थिति बिगड़ी, RAF को बुलाया गया, 15 सितंबर तक के लिए इंटरनेट बंद