डीएनए हिंदी: राजस्थान में गहराया सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ सचिन पायलट ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है. पायलट ने गहलोत सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनके आरोपों पर जलदाय मंत्री महेश जोशी ने जवाब दिया है. गहलोत सरकार का बचाव करते हुए जोशी ने कहा कि यह आश्चर्य व निराशा की बात है कि कुछ जिम्मेदार लोग सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने पायलट पर अपनी मांगों के जरिए युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
इन नेताओं की टिप्पणी पायलट और सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा द्वारा भ्रष्टाचार व कई मुद्दों को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधे जाने के बाद आई है. पायलट ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा था, ‘जनसंघर्ष सभा में हमने तीन मांगें रखी हैं : वसुंधरा (राजे नीत) सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन हो. भ्रष्टाचार और पेपर लीक की लगातार घटनाओं के कारण वर्तमान आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) का पुनर्गठन और चयन प्रक्रिया के लिए स्पष्ट संस्थात्मक मापदण्ड एवं पारदर्शिता सुनिश्चित हो. पेपर लीक से प्रभावित युवाओं को उचित आर्थिक मुआवजा.’
पायलट ने सरकार पर लगाया था भ्रष्टाचार का आरोप
पायलट के अनुसार, ‘‘उनको इस महीने के अंत तक प्रदेश की जनता से जुड़ी इन महत्वपूर्ण मांगों पर उचित कदम उठाए जाने का इंतजार रहेगा.’ गौरतलब है कि सैनिक कल्याण मंत्री गुढ़ा ने सोमवार को यहां सचिन पायलट की एक सभा में आरोप लगाया था कि इस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं. इसके जवाब में जोशी ने कहा, ‘अपनी ही सरकार पर आरोप लगाने से पहले उन्हें यह सोचना चाहिए था कि वे ये आरोप खुद पर भी लगा रहे हैं.’ जोशी ने कल रात एक बयान में कहा कि अत्यंत आश्चर्यजनक और खेदजनक है कि कुछ जिम्मेदार लोग अपनी ही सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘आरोप लगाने वालों को यह अच्छे से पता है कि जब कभी भी भ्रष्टाचार की बात सामने आई है तो मुख्यमंत्री जी ने भ्रष्टाचार पर बिल्कुल न बर्दाश्त करने की (जीरो टॉलरेंस) नीति अपनाते हुए सशक्त चोट की है. भ्रष्टाचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाइयां इस बात का प्रमाण हैं कि भ्रष्टाचारी चाहे कितना भी बड़ा शख्स हो, एसीबी द्वारा बेहिचक और बड़ी सख्ती से कार्रवाइयों को अंजाम दिया गया.’
'पायलट युवाओं को कर रहे भ्रमित'
इसी तरह डीडवाना से विधायक डूडी ने कहा कि पायलट द्वारा उठाई गई तीन मांगें अव्यावहारिक हैं. डूडी को कभी पायलट का करीबी माना जाता था लेकिन 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान वह सरकार के साथ खड़े हुए. डूडी ने ट्वीट किया, ‘सचिन पायलट ने जिन तीन मुद्दों को उठाया है, वे अव्यावहारिक एवं पूरी तरह समझ से परे हैं. क्या आपको पता नहीं कि आरपीएससी स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है जो कभी भंग नहीं की जा सकती. आरपीएससी सदस्य का तो इस्तीफा भी राष्ट्रपति द्वारा मंजूर किया जाता है. आप क्यों युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं? (इनपुट- भाषा)
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Rajasthan Politics: अशोक गहलोत के समर्थन में उतरे महेश जोशी, सचिन पायलट पर लगाया गंभीर आरोप