डीएनए हिंदी: शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बावजूद महा विकास आघाड़ी (MVA) बरकरार है. शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के गठबंधन से एमवीए बना है. एमवीए भागीदारों की बैठक के बाद राज्य विधानमंडल परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी सरकार ने कोरोना वायरस संकट का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी और एमवीए के सामने मौजूदा चुनौती महामारी की तुलना में कुछ भी नहीं है. एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद ठाकरे ने मंगलवार को पहली बार दक्षिण मुंबई में विधान भवन का दौरा किया.
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क्या तीनों दल साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव?
उद्धव ठाकरे से जब यह सवाल किया गया कि क्या तीनों दल एमवीए की छतरी के तले मुंबई नगर निकाय का चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा कि एमवीए सहयोगी लंबे समय के बाद मिले और अच्छा महसूस किया. हम अब भी साथ हैं. हम आपको जल्द ही बताएंगे कि हम क्या करने जा रहे हैं. कांग्रेस स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने को लेकर मुखर रही है.
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क्या उद्धव ठाकरे की मजबूरी है MVA गठबंधन?
उद्धव ठाकरे शिवसेना को एक बार फिर महाराष्ट्र की सत्ता में दोबारा स्थापित कराना चाहते हैं.हालांकि स्थिति ऐसी बन पड़ी है कि उन्हें बिना सहयोगियों के साथ के सत्ता नहीं मिलने वाली है. एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के छवि को भी नुकसान पहुंचाई है. ऐसे में राजनीति के जानकार यह भी कह रहे हैं कि उद्धव ठाकरे का एमवीए के साथ रहना उनकी राजनीतिक मजबूरी भी है.
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किस उम्मीद में महाविकास अघाडी को बरकरार बता रहे हैं उद्धव ठाकरे?