Maharashtra News: महाराष्ट्र के बीड जिले से एक बेहद बड़ी खबर आ रही है. यहां के एसपी की ओर से निर्देश है कि पुलिसकर्मी अपने नाम पट्टिकाओं पर केवल अपना नाम लिखें, और उसपर अपना सरनेम वहां ने लिखें. साथ ही पुलिसवालों को निर्देश दिया गया है कि वो एक-दूसर को सरनेम से नहीं बल्कि नाम से ही बुलाएं. बीड के पुलिस अधीक्षक (SP) नवनीत कंवत की ओर से ये कदम इसलिए उठाए गए हैं ताकि जाति-आधारित भेदभाव को समाप्त किया जा सके. इस निर्देश की जानकारी एक अधिकारी ने गुरुवार को दी थी.
अधिकारी ने दी निर्देश की सूचना
अधिकारी की ओर से बताया गया कि 'इस केंद्रीय महाराष्ट्र जिले के पुलिस थानों और अन्य विभागीय कार्यालयों में लगभग 100 ऐसी नाम पट्टिकाएं बांटी गई हैं. अब एसपी के कार्यालय ने पुलिसवालों के कार्यालयों में टेबल पर प्रदर्शित करने के लिए नाम पट्टिकाएं वितरित की हैं, जिन पर उपनाम का उल्लेख नहीं है. इसके अतिरिक्त पुलिसवालों की वर्दी पर लगाई जाने वाले नेमप्लेट भी छोटी नाम से बनाई जाएंगी. ये नाम पट्टिकाएं भी निजी तौर पर बनाई जाएंगी, जिनपर उपनाम प्रदर्शित नहीं होंगे.'
क्या है वजह?
दिसंबर 2024 में मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के बाद कंवत को बीड के एसपी के रूप में नियुक्त किया गया था. देशमुख का 9 दिसंबर, 2024 को अपहरण, यातना और हत्या की गई थी, क्योंकि उन्होंने वहां एक पवनचक्की परियोजना संचालित करने वाली ऊर्जा कंपनी के खिलाफ रंगदारी के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी. देशमुख की हत्या ने जातिगत रंग ले लिया था, क्योंकि पीड़ित मराठा समुदाय से थे, जबकि हत्या के अधिकांश आरोपी बीड क्षेत्र में प्रभावशाली वंजारी समुदाय से संबंधित हैं. जातिगत भेदभाव के इस रूप को देखते हुए नवनीत कंवत ने निर्णय लिया कि वो अपनी ओर से इसे खत्म करने के भरसक प्रयास करेंगे. इसी वजह से उन्होंने ये कदम उठाया है.
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Police (सांकेतिक तस्वीर)
Maharashtra: महाराष्ट्र के बीड में अब सिर्फ नाम से पहचाने जाएंगे पुलिसवाले, हटेगा सरनेम, क्या है वजह?