महाराष्ट्र में सीएम और डिप्टी सीएम के बीच कोल्ड वॉर की खबरें काफी महीनों से चल रही है. शिवसेना (UBT) कई बार यह आरोप लगाती रही है कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे अब बहुत परेशान हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एक के बाद एक उनके फैसलों को पलट रहे हैं. हालांकि, कुछ दिन पहले टी पार्टी में दोनों नेताओं ने विवाद से इनकार किया था. ऐसा लग रहा है कि दोनों नेताओं के बीच विवाद की जड़ें गहरी होती जा रही हैं. सीएम ने शिंदे के खास सहयोगी को मित्र संस्था से बाहर का रास्ता दिखाया है. अजय अशर को संस्था के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. अशर और शिंदे लगभग 25 साल से एक-दूसरे के साथ हैं और दोनों को एक-दूसरे का करीबी कहा जाता है.
एकनाथ शिंदे के साथ सहज नहीं हैं फडणवीस?
भले ही बीजेपी और शिवसेना के नेता गठबंधन में सब कुछ ठीक होने की बात कर रहे हों, लेकिन ऐसा लग रहा है कि सीएम देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच सब कुछ ठीक नहीं है. फडणवीस ने मित्र संस्था से शिंदे के सबसे करीबी अजय अशर को हटा दिया है. उनकी जगह पर दिलीप वलसे पाटील, राणा जगजितसिंह पाटील और राजेश क्षीरसागर को मित्र संस्था का नया उपाध्यक्ष बनाया गया है. शिंदे के 2000 में राजनीति में आने के बाद से ही अशर उनके साथ थे. वह उनके पहली बार विधायक बनने के बाद उनके करीब आए और पिछले 2 दशकों से दोनों एक-दूसरे के खास बने हुए हैं.
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संजय राउत के दावे में है सच्चाई?
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के पुनर्गठन वाले बोर्ड में भी एकनाथ शिंदे को शामिल नहीं किया है. इस कमेटी में डिप्टी सीएम अजित पवार को रखा गया है. शिवसेना खेमे के मंत्रियों की शिकायत है कि वह अपने निजी सचिव तक का चुनाव नहीं कर पा रहे हैं. कुछ दिन पहले सामना में एक लेख में संजय राउत ने दावा किया था कि एकनाथ शिंदे और फडणवीस के बीच सामान्य शिष्टाचार की बातचीत भी नहीं हो रही है. शिंदे खुद को इस गठबंधन में कैद महसूस कर रहे हैं और उनके फोन तक टैप किए जा रहे हैं.
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शिंदे के खास सहयोगी पर CM फडणवीस का एक्शन
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे को दिया एक और झटका, खास सहयोगी को लगाया किनारे