महाराष्ट्र में महायुति (Maharashtra Election Result) को बंपर बहुमत मिला है, लेकिन चुनाव नतीजे आने के एक सप्ताह बाद भी अब तक सरकार गठन का काम शुरू नहीं हुआ है. देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis), एकनाथ शिंदे और अजित पवार दिल्ली का भी चक्कर लगा चुके हैं. सूत्रों के हवाले से दावा किया जा रहा है कि सीएम और डिप्टी सीएम के नाम पर सहमति बन गई है. विभागों के बंटवारे और डिप्टी स्पीकर के पद को लेकर पेच फंसा हुआ है.
बीजेपी को 132 सीटें मिली हैं, जो बहुमत से सिर्फ 13 कम हैं. बीजेपी की कोशिश है कि गठबंधन के दोनों सहयोगियों को साथ लेकर चला जाए और सभी मामले सरकार गठन से पहले ही सुलझा लिए जाएं.
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डिप्टी स्पीकर और विभागों के बंटवारे पर मंथन
महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है और वह वित्त और गृह विभाग अपने पास रखना चाहती है. इसके अलावा, कुछ और अहम मंत्रालय भी हैं जिनको लेकर मंथन का दौर जारी है. एकनाथ शिंदे की पार्टी डिप्टी स्पीकर का पद अपने लिए चाहती है. पिछली बार यह पद शिवसेना को मिला था. ऐसे ही कुछ मुद्दों पर फिलहाल सहमति बनाने का काम चल रहा है. बीजेपी चाहती है कि सभी मुद्दों को सुलझाने के बाद ही सरकार गठन का काम शुरू हो, ताकि आगे काम सुचारू रूप से चल सके.
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छोटी पार्टियों को बीजेपी करेगी संतुष्ट?
महाराष्ट्र सरकार में अधिकतम 43 मंत्री बनाए जा सकते हैं. करीब 5 विधायकों पर एक मंत्री के फॉर्मूले के आधार पर अजित पवार की एनसीपी से 8 मंत्री बनाए जा सकते हैं. दूसरी ओर शिवसेना 12 मंत्रियों की मांग कर रही है. सूत्रों का कहना है कि छोटी पार्टी को बीजेपी अपने कोटे से अडजस्ट करने का काम कर सकती है. एनसीपी को कृषि, ग्रामीण विकास जैसे विभाग दिए जा सकते हैं. शिवसेना को शहरी विकास और लोकनिर्माण का पोर्टफोलियो मिल सकता है.
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Maharashtra में सीएम-डिप्टी सीएम का नाम तय, फिर सरकार बनाने में क्यों हो रही देरी?