डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र में जब से महा विकास अघाड़ी गठबंधन बना है तब से ही हर दिन ऐसी खबरें आती हैं जिनसे ऐसा लगता है कि यह अघाड़ी बहुत दिन तक नहीं चलेगा. इसके बावजूद तीनों पार्टियां (कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट) साथ हैं. अब कहा जा रहा है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए सीटों का बंटवारा कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद किया जाएगा. इस बार महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटें बीजेपी के लिए भी चुनौती बन गई हैं क्योंकि MVA के सामने उसे काफी मुश्किल हो सकती है.
सीट बंटवारे पर बातचीत का उद्देश्य भाजपा-शिवसेना (बी) गठबंधन के सामने एक संयुक्त मोर्चा खड़ा करना है. हालांकि, पहले से ही अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं, क्योंकि तीनों पार्टियां दोनों चुनावों के लिए सबसे अधिक सीटों पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है. राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने सोमवार को सोलापुर में कहा कि सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर एमवीए में कोई असहमति नहीं है.
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जिताऊ कैंडिडेट के हिसाब से सीट बांटना चाहती है कांग्रेस
नाना पटोले ने कहा है, 'एमवीए राज्य में बहुत मजबूत हो रहा है. पिछले तीन साल में हमने यहां बीजेपी के प्रभाव को खत्म करने में बड़ी सफलता हासिल की है. कर्नाटक चुनाव के नतीजों के बाद हम एक साथ बैठेंगे और सीटों के बंटवारे पर चर्चा शुरू करेंगे.' कांग्रेस का विचार यह है कि जीतने की क्षमता वाले सबसे मजबूत उम्मीदवार, चाहे वह किसी भी पार्टी के हों, उन्हें 48 संसदीय और 288 विधानसभा क्षेत्रों के लिए मैदान में उतारा जाना चाहिए.
वहीं, एनसीपी और शिवसेना-यूबीटी इस पर अलग-अलग राय रखते हैं. इन दोनों का कहना है कि हर सीट पर पार्टियों की ताकत के हिसाब से बंटवारा हो या फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे उम्मीदवारों को पहली वरीयता दी जाए. मीडिया में सीट बंटवारे के फॉर्मूले के कुछ आंकड़ों के प्रसारित होने की खबरों पर तीनों भागीदारों ने उन्हें 'कल्पना' कहकर खारिज कर दिया और कहा कि अभी कुछ भी तय नहीं है.
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एक निजी स्थानीय टीवी चैनल के सवाल के जवाब में नाना पटोले ने एमवीए सहयोगियों से एनसीपी-सेना (यूबीटी) में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं को 'वापस' करने का आह्वान किया है. उन्होंने दोहराया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एकनाथ शिंदे गुट के कई विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और वह सीएम नहीं रह पाएंगे, जिससे उनकी 11 महीने पुरानी सरकार गिर जाएगी.
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कर्नाटक चुनाव के नतीजे तय करेंगे MVA का भविष्य? रिजल्ट देखकर होगा सीट बंटवारे का काम