डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश की 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव के रिजल्ट आने वाले हैं. समाजवादी पार्टी का गढ़ रही आजमगढ़ और रामपुर उपचुनाव के नतीजों पर पूरे देश की नजर है. दूसरी तरफ पंजाब के सीएम का पद संभालने के बाद भगवंत मान ने संगरूर लोकसभा की सीट छोड़ी है. संगरूर उपचुनाव में आम आदमी पार्टी का जलवा दिखेगा या नहीं, यह भी देखना होगा. संगरूर से मान लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए थे.
Yogi Adityanath Vs Akhilesh का ह मुकाबला
उत्तर प्रदेश के लोकसभा उपचुनाव परिणाम एक तरह से योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव के बीच की सीधी लड़ाई है. ये नतीजे कई अहम सवालों के जवाब देंगे. सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या सांसदी छोड़ने के बाद भी आजमगढ़ में अखिलेश यादव का जनाधार कायम है? योगी आदित्यनाथ भी इन नतीजों के जरिए टटोलेंगे कि उन्होंने दलितों और निचले तबके में अपनी पकड़ मजबूत की है या नहीं?
अखिलेश यादव के लिए यह प्रतिष्ठा का प्रश्न है और देखना होगा कि मुलायम परिवार के आजमगढ़ और रामपुर में वर्चस्व को अखिलेश कायम रख पाएंगे या नहीं? अगर इन चुनावों में बीजेपी सेंधमारी कर लेती है तो समाजवादी पार्टी के लिए 2024 में परिस्थितियां और मुश्किल हो सकती हैं.
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अखिलेश यादव और आजम गढ़ ने खाली की है सीटें
आजमगढ़ से सांसद रहे अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल सीट पर विधायकी का चुनाव जीतने के बाद सांसदी छोड़ दी थी. आजम खान रामपुर से सांसद बने थे लेकिन विधायकी का चुनाव उन्होंने जेल में रहते ही लड़ा और जीत भी गए हैं. उन्होंने भी अपनी लोकसभा सीट खाली की है और इसलिए यहां उपचुनाव करवाए गए हैं.
आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी ने धर्मेंद्र यादव को और बीजेपी ने भोजपुरी अभिनेता दिनेशलाल निरहुआ को उतारा है. रामपुर से आजम खान के भरोसेमंद आसिम राजा को उतारा है. आजमगढ़ में मनपसंद उम्मीदवार नहीं उतार पाने की वजह से अखिलेश यादव ने चुनाव प्रचार तक में रुचि नहीं ली है.
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मूसेवाला की हत्या के बाद संगरूर उपचुनाव
संगरूर उपचुनाव पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद हुआ है और इस वक्त पंजाब में यह मुद्दा छाया हुआ है. हालांकि, उपचुनाव में लोगों की मतदान में खास रुचि नहीं दिखाई दी थी और महज लगभग 38% ही वोटिंग हुई थी. 1991 में हुए चुनाव के बाद पहली बार इतना कम मतदान हुआ है.
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By Election Results: आजमगढ़-रामपुर में गढ़ बचाएंगे अखिलेश यादव या योगी का दिखेगा दम?