डीएनए हिंदी: अपराधियों के लिस्ट में जिस तरह गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का नाम कुख्यात है. उसी तरह गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को भी अपराध की दुनिया में जाना जाता है. यह दोनों अपराधी अपने हिसाब से अपराध को अंजाम दे देते हैं. अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले यह दोनों कुख्यात गैंगस्टर षड्यंत्र रचते हैं और अपने गुर्गों से अपराध करवाते हैं. आइए जानते हैं कि इन दोनों गैंगस्टरों की हिस्ट्री क्या है? कैसे यह अपराध की दुनिया में अपना सिक्का चला रहे हैं.
अपराध की दुनिया में ऐसे आया लॉरेंस बिश्नोई
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म पंजाब में 1992 में हुआ. लॉरेंस की पिटाई पुलिस कॉन्स्टेबल थे और लॉरेंस अपने भाई- बहनों के साथ सरकारी स्कूल में पढ़ता था. स्कूल की पढ़ाई के बाद चंडीगढ़ के लॉरेंस बिश्नोई ने डीएवी कॉलेज में एडमिशन लिया. जहां उसने कॉलेज के चुनाव में हिस्सा लिया और उसे बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा. राजनीति में रहने के कारण लॉरेंस बिश्नोई के चचेरे भाई की हत्या हो गई. अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए बिश्नोई ने अपराध की दुनिया को पूरी तरह से अपना लिया.
जेल से चलाता है लॉरेंस बिश्नोई अपना सिक्का
लॉरेंस बिश्नोई दिल्ली के तिहाड़ जेल में रहने के बावजूद भी उसके गुर्गे अपराध को अंजाम दे रहे हैं. जेल में रहते हुए भी वह बहुत आसानी से अपने दुश्मनों को मार देने की प्लानिंग करता है. इसके साथ ही कारोबारियों से करोड़ों की वसूली भी कर लेता है. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) कि पूछताछ में विश्नोई ने बताया है कि उसका अपराध मॉडल जेल में रहने के बाद भी कैसे चलता है.
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कारोबारियों से करता है करोड़ों की उगाही
दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद विश्नोई इससे पहले भारत के कई और जेलों में रह चुका है. राजस्थान के भरतपुर, पंजाब के फरीदकोट जेल में रहते हुए उसने उत्तर भारत के कारोबारियों से करोड़ों रुपए की वसूली की. कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली और पंजाब के कई बड़े कारोबारी लॉरेंस के गुर्गो से डर कर रहते हैं. लॉरेंस के नाम से जाने वाले हर कॉल का जवाब देते हैं. इसके साथ ही बताए गए ठिकानों पर करोड़ों रुपए पहुंचा जाते हैं.
गोल्डी बराड़ देता है लॉरेंस बिश्नोई का साथ
पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के कत्ल के बाद गोल्डी बराड़ का नाम सुर्खियों में आया था. जांच पड़ताल के बाद सामने आया कि लॉरेंस बिश्नोई और उसके साथ ही गोल्डी बराड़ ने ही मूसेवाला का कत्ल करवाया था. गोल्डी बराड़ ने भी इस कत्ल की जिम्मेदारी ली थी. इसके साथ यह भी बात सामने आई थी कि मूसेवाला के कत्ल के लिए गुर्गे जुटाने से लेकर हथियार तक का इंतजाम गोल्डी बराड़ ने विदेश में रहकर ही किया था.
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अपराध की दुनिया में गोल्डी बराड़ ने ऐसे रखे कदम
गोल्डी बराड़ के परिवार में कोई भी अपराध की दुनिया में नहीं था. उसके पिता पुलिस थे और उसे पढ़ा लिखा कर पुलिस अफसर बनाना चाहते थे. उसका जन्म 1994 में पंजाब में हुआ था. गोल्डी बराड़ के अपराध की दुनिया में आने की कहानी ऐसी है कि उसके चचेरे भाई गुरलाल सिंह की हत्या कर दी गई थी. इसी हत्याकांड के बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. भाई की हत्या के बाद उसने यूथ कांग्रेस के नेता गुरलाल पहलवान की हत्या कर दी थी.
विदेश में बैठकर चला रहा बिश्नोई का गैंग
गोल्डी बराड़ और लॉरेंस बिश्नोई एक ही सिक्के के दो पहलू है. एक जेल में बैठकर तो एक विदेश में रहकर कब और कहां अपराध करवाना है, ये दोनों तय करते हैं. लॉरेंस बिश्नोई प्लान बनाता है तो गोल्डी बराड़ अपराधिक घटना को अंजाम देता है. गोल्डी बराड़ के पीछे पुलिस और भारत की एजेंसियां लगी हुई हैं. गोल्डी पर कई आपराधिक साजिश रचने और हथियारों की तस्करी करने का आरोप है. कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि गोल्डी बराड़ को अमेरिका में हिरासत में ले लिया गया है लेकिन बाद में यह खबर मात्र अफवाह निकली.
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दिल्ली से लेकर पंजाब तक, कैसे जुर्म की दुनिया में राज करते हैं लारेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़?