डीएनए हिंदी: शिव सेना में बंटवारे के बाद से ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट और उद्धव ठाकरे खेमे के बीच एक-दूसरे को झटका देने की मुहिम चल रही है. इस कवायद में सोमवार को शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शिंदे गुट ने ठाकरे खेमे को बहुत बड़ी चोट पहुंचा दी. शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे (Bal Thackeray) की नवंबर, 2012 में आखिरी सांस तक उनके साथ रहे निजी सहायक चंपा सिंह थापा (Champa Singh Thapa) शिंदे गुट में शामिल हो गए. उनके साथ ही बाल ठाकरे के एक अन्य विश्वस्त सहायक मोरेश्वर राजे (Moreshwar Raje) भी शिंदे गुट से जुड़ गए हैं. इन दोनों को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिव सेना (Shiv Sena) से तोड़कर अपने साथ ले आना एकनाथ शिंदे की बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है.
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कितना अहम है थापा का ठाकरे गुट छोड़ना
थापा करीब 27 साल तक बांद्रा स्थित ठाकरे परिवार के अधिकृत आवास 'मातोश्री' में रहे और बाल ठाकरे अपने रोजमर्रा के हर छोटे-बड़े काम के लिए उन पर ही भरोसा करते थे. मातोश्री में उनकी अहमियत क्या थी, इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार के दौरान भी उन्हें अपने साथ रखा था. इसके बाद भी उन्होंने थापा को अपनी सेवा में बरकरार रखा था.
हिंदुहृदयसम्राट शिवसेनाप्रमुख बाळासाहेब ठाकरे यांची सावली समजले जाणारे चंपासिंह थापा व मातोश्रीवर प्रदीर्घ काळ सेवा बजावलेले मोरेश्वर राजे यांनी आज टेंभीनाका येथील जय अंबे धर्मादाय विश्वस्त संस्थेच्या दुर्गेश्वरी मातेच्या आगमन मिरवणुकीत आम्हाला पाठींबा देण्याचा निर्णय जाहीर केला. pic.twitter.com/UT82ppZlMV
— Eknath Shinde - एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) September 26, 2022
थापा बाल ठाकरे के लिए फोन उठाते थे और जो भी उन्हें कॉल करता था, उसका संदेश बाल ठाकरे तक पहुंचाते थे. मोरेश्वर राजे भी करीब 35 साल तक मातोश्री में रहे. वे भी बाल ठाकरे के लिए फोन उठाते थे. ठाकरे परिवार के इतने करीबी लोगों के जुड़ने से शिवसेना समर्थकों के बीच शिंदे गुट के 'असली शिवसेना' होने का संदेश जाने की संभावना है.
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शिंदे बोले- दोनों हमारे साथ आए, क्योंकि हम असली शिवसेना हैं
मुख्यमंत्री शिंदे ने अपनी अगुवाई वाले गुट में थापा और राजे का शॉल ओढ़ा कर स्वागत किया. उन्होंने कहा, नवरात्र के इस पावन अवसर पर सभी खुश हैं कि त्योहारों पर लगे महामारी संबंधी प्रतिबंध हटा दिए गए हैं.
शिंदे ने कहा कि थापा और राजे बाल ठाकरे की छाया की तरह थे और दोनों आने से उत्सव का सुखद वातावरण और बढ़ गया है. दोनों ने हमारे गुट में शामिल होने का फैसला किया, क्योंकि हम "असली" शिवसेना का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने कहा, लोग बालासाहेब को अच्छी तरह से जानते थे और इसलिए उन्होंने (राजे और थापा) महा विकास आघाड़ी के तहत कांग्रेस और राकांपा के साथ शिवसेना के गठबंधन को स्वीकार नहीं किया. इस मौके पर पालघर जिला परिषद के अध्यक्ष वैदेही वडन और स्थानीय निकाय के कुछ सदस्य भी शिंदे गुट में शामिल हुए.
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Eknath Shinde गुट से जुड़े चंपा सिंह थापा, 27 साल तक बाल ठाकरे के निजी सहायक रहे थे