डीएनए हिंदी: भारतीय सेना (Indian Army) जल्द ही दुश्मनों से निपटने के लिए आधुनिक स्वार्म ड्रोन्स का सहारा लेगी. साथ ही सेना को चीन से निपटने के लिए आधुनिक कारबाइन्स और LOC पर सुरक्षित गश्त के लिए बुलेटप्रूफ जैकेट्स का भी तोहफा मिलेगा. इसके लिए रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने 28,732 करोड़ रुपये के हथियार खरीदने की मंजूरी दे दी. इसकी जानकारी मंत्रालय ने मंगलवार को दी.
LOC पर पाकिस्तानी स्नाइपर्स एक्टिव, इस कारण दी जाएंगी बुलेटप्रूफ जैकेट
मंत्रालय ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में रक्षा खरीद परिषद (Defence Acquisition Council) की बैठक के दौरान बुलेटप्रूफ जैकेट्स की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी. मंत्रालय के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) पर दुश्मन (पाकिस्तान) के स्नाइपर्स एक्टिव हो गए हैं, जो सीमा पर गश्त के दौरान भारतीय जवानों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इस खतरे से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए जवानों को बुलेटप्रूफ जैकेट्स दी जा रही हैं. साथ ही कश्मीर में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशंस में भी ये जैकेट भारतीय सुरक्षा बलों को सुरक्षित रखने का काम करेंगी.
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4 लाख क्लोज क्वार्टर बैटल कारबाइन मिलेंगी सेना को
मंत्रालय ने बताया कि चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) और पूर्वी सीमा पर पारंपरिक व हाइब्रिड, दोनों तरह के सैन्य टकराव का मुकाबला करने की भी तैयारी की जा रही है. इसके लिए सेना को 4 लाक क्लोज क्वार्टर बैटल कारबाइन्स देने का निर्णय लिया गया है. इन कारबाइन्स की खरीद के प्रस्ताव के भी मंजूर कर लिया गया है.
स्वार्म ड्रोन्स से घातक हो जाएगी सेना की अटैकिंग क्षमता
मंत्रालय ने बताया कि भारतीय सेना के लिए स्वार्म ड्रोन्स (Armed Drone Swarm) की खरीद को भी मंजूरी दी गई है. इस मॉडर्न वारफेयर की खरीद से सेना को ऑटोनोमस सर्विलांस के साथ ही आर्म्ड अटैक की घातक क्षमता हासिल हो जाएगी. हालांकि यह नहीं बताया गया है कि सेना को फिलहाल कितने स्वार्म ड्रोन्स दिए जाएंगे.
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इसके अलावा DAC ने इंडियन कोस्ट गार्ड (Indian Coast Guard) के लिए भी पेट्रोल से चलने वाले तेज गति के 14 छोटे गश्ती जहाज खरीदने को भी मंजूरी दी है. भारतीय नेवी (Indian Navy) के 1250 किलोवॉट क्षमता वाले मैरीन गैस टरबाइन जनरेटर की खरीद को भी हरी झंडी दिखा दी गई है.
जानिए क्या होते हैं स्वार्म ड्रोन्स और क्यों होते हैं ये खतरनाक
स्वार्म ड्रोन्स असल में छोटे-छोटे ड्रोन्स का झुंड होता है, जो दूर से देखने पर आपको पंछियों के समूह जैसा भी लग सकता है. ये ड्रोन आपने जगह-जगह आयोजित होने वाले ड्रोन लाइट शो में देखे होंगे, जिनसे अलग-अलग तरह की आकृति बनाकर दिखाई जाती है. भारतीय सेना के आर्मी-डे पर भी इसका शो ऑर्गनाइज किया गया था.
सेना या अन्य डिफेंस टीमों द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्वार्म ड्रोन्स इन लाइट शो वाले ड्रोन्स से थोड़ा अलग होते हैं. ये आर्म्ड ड्रोन्स होते हैं और झुंड में किसी भी टारगेट पर टूटकर उसे निशाना बना सकते हैं. इसका नजारा आपने Amazing Spidermen सीरीज की एक फिल्म में भी देखा होगा. एकसाथ बहुत सारे आर्म्ड ड्रोन्स को रोकना किसी एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भी बेहद मुश्किल काम होता है, इसलिए इनके हमले को बेहद खतरनाक माना जाता है.
कौन सी सेनाएं कर रही हैं इस्तेमाल
यूएस मैरीन कॉर्प्स के पास कामिकाजे ड्रोन स्वार्म्स हैं, जबकि उनकी सेना, एयरफोर्स व नेवी अलग तरह के स्वार्म ड्रोन्स का इस्तेमाल करती हैं. चीनी सेना के पास भी कई तरह के स्वार्म ड्रोन्स हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग कामों के लिए किया जा रहा है. फ्रांस Icarus project, रूस Russian Lightning, स्पेन RAPAZ, ब्रिटेन Blue Bear, यूएई व साउथ अफ्रीका N-Raven ज्रोन स्वार्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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Indian Army: भारतीय जवान LOC पर पहनेंगे बुलेटप्रूफ जैकेट, स्वार्म ड्रोन्स से करेंगे अटैक, जानिए कितने खतरनाक होंगे ये