डीएनए हिंदी: केंद्र सरकार ने सोमवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए सीनियर आईएएस अधिकारी जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. जितेंद्र पर केंद्र शासित प्रदेश अंडमान व निकोबार द्वीप समूह का मुख्य सचिव रहने के दौरान एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न का आरोप है. महिला ने अपनी शिकायत में जितेंद्र व एक अन्य ब्यूरोक्रेट पर अप्रैल और मई में दो बार पोर्ट ब्लेयर स्थित मुख्य सचिव के आधिकारिक आवास में अपने साथ यौन हिंसा करने का आरोप लगाया था. इसी शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने दिया था. इसके बाद उन्हें सोमवार को निलंबित कर दिया गया. जितेंद्र नारायण फिलहाल दिल्ली वित्त निगम (Delhi Financial Corporation) के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर तैनात थे.
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'महिला गरिमा के सामने पद-रैंक की परवाह नहीं'
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को बयान में कहा कि जितेंद्र नारायण को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है. सरकार अधिकारियों की अनुशासनहीनता को सहन नहीं करेगी. खासतौर पर यदि वह अनुशासनहीनता महिलाओं की गरिमा से जुड़ी हुई है. ऐसे में सरकार अपने अधिकारियों की रैंक और पद की परवाह किये बिना अनुशासनहीन कार्यों को कतई सहन नहीं करेगी.
MHA today placed Jitendra Narain, a 1990-batch senior IAS officer of AGMUT Cadre & then Chief Secretary of Andaman & Nicobar Islands, under suspension with immediate effect over allegation of an alleged sexual assault of a woman: Jt Secy (UT Division) in MHA Ashutosh Agnihotri
— ANI (@ANI) October 17, 2022
कल ही मिली थी सरकार को रिपोर्ट
मंत्रालय को रविवार 16 अक्टूबर को अंडमान और निकोबार पुलिस से द्वीप समूह के तत्कालीन मुख्य सचिव जितेंद्र नारायण व अन्य द्वारा एक महिला के कथित यौन उत्पीड़न के संबंध में रिपोर्ट मिली थी. रिपोर्ट में अंडमान पुलिस ने नारायण द्वारा गंभीर कदाचार करने और सरकारी पद का दुरुपयोग करने के संकेत दिए गए थे. इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई का आदेश दिया. इस आधार पर ही बाद उनके निलंबन के आदेश जारी किए गए. अंडमान व निकोबार पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने भी इस मामले में आपराधिक FIR दर्ज करते हुए अलग से कार्रवाई शुरू कर दी है.
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बेगूसराय के रहने वाले हैं जितेंद्र नारायण
जितेंद्र नारायण बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले हैं. वे अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम व केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर के साल 1990 बैच (AGMUT: 1990) के IAS अधिकारी हैं.
एक अन्य ब्यूरोक्रेट आरएल ऋषि भी हैं आरोपी
अंडमान की राजधानी पोर्ट ब्लेयर (Port Blair) के आबेरदीन पुलिस स्टेशन (Aberdeen police station) में 1 अक्टूबर को 21 साल की पीड़ित महिला की शिकायत पर FIR (No. 165/2022) दर्ज की गई थी. इस FIR में पीड़िता ने नारायण के साथ ही एक अन्य ब्यूरोक्रेट आरएल ऋषि (IAS RL Rishi) पर अपने साथ गैंग रेप व यौन हिंसा करने का आरोप लगाया था. ऋषि उस अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के लेबर कमिश्नर के तौर पर तैनात थे. इस FIR की जांच के लिए पुलिस ने एक SIT का गठन किया था.
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नारायण ने पीएमओ को भेजा था स्पष्टीकरण
Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, नारायण ने FIR दर्ज होने के बाद इन आरोपों को बेतुका बताया था. हालांकि उनके करीबी सूत्रों ने दावा किया था कि नारायण ने इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय गृह सचिव व अन्य को स्पष्टीकरण भेजा था. उन्होंने आरोपों को गलत बताया था. उन्होंने इन आरोपों को अंडमान के कुछ स्थानीय अधिकारियों की साजिश बताया है.
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महिला को होटल मालिक ने नौकरी दिलाने के बहाने भेजा था
अपनी शिकायत में महिला ने कहा है कि वह नौकरी तलाश रही थी. एक होटल मालिक ने उसे लेबर कमिश्नर से नौकरी दिलाने के बहाने मिलवाया था. लेबर कमिश्नर ही उसे मुख्य सचिव के आवास पर लेकर गए थे. महिला ने शिकायत में कार का नंबर भी बताया है, जो लेबर कमिश्नर आरएल ऋषि के नाम पर रजिस्टर्ड है. महिला का आरोप है कि मुख्य सचिव ने पहले उसे शराब पीने का ऑफर दिया. उसके इनकार करने पर क्रूरता से उस पर हमला किया गया और दोनों आदमियों ने उसके साथ रेप किया. बाद में उसे सरकारी नौकरी दिलाने का वादा कर चुप करा दिया गया.
पहले हमले के बाद दोबारा बुलाया गया
पीड़िता का आरोप है कि दो सप्ताह बाद रात के 9 बजे उसे दोबारा मुख्य सचिव आवास बुलाया गया. वहां एक बार फिर उसके साथ क्रूरता की गई. इस बार उसे मुंह खोलने पर जान से मारने की धमकी दी गई.
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अंडमान के पूर्व मुख्य सचिव निलंबित, रेप के आरोपी हैं सीनियर IAS जितेंद्र