डीएनए हिंदी: केरल (Kerala) की एक अदालत ने यौन उत्पीड़न के केस में ऐसा फैसला दिया है, जो महिला संगठनों की तरफ से आलोचना का कारण बन सकता है. कोझिकोड सेशन कोर्ट ने एक महिला की तरफ से लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों में आरोपी को इस आधार पर जमानत दे दी कि घटना के समय महिला ने खुद सामने वाले की यौन उत्तेजना बढ़ाने वाले कपड़े पहने हुए थे. साथ ही अदालत ने यह भी कहा कि 74 साल की उम्र का दिव्यांग आदमी किसी महिला को जबरन अपनी गोद में नहीं बैठा सकता.
354A का केस पहली नजर में नहीं माना कोर्ट ने
कोझिकोड (Kozhikode) सेशन कोर्ट में सोशल एक्टिविस्ट सिविक चंद्रन (Civic Chandran) के खिलाफ यौन उत्पीड़न के मामले की सुनवाई चल रही है. सेशन जज कृष्णा कुमार ने 12 अगस्त को सिविक चंद्रन को जमानत देते हुए कहा, यदि महिला ने 'यौन उत्तेजना बढ़ाने वाली' ड्रेस पहन रखी थी, तो पहली नजर में आरोपी पर IPC की धारा 354A (यौन उत्पीड़न) का मामला नहीं बनता है.
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क्या कहा अपने फैसले में अदालत ने
सेशन जज ने अपने फैसले में कहा, आरोपी (सिविक चंद्रन) ने अपनी जमानत याचिका के साथ जो फोटोग्राफ्स दिए हैं, उनसे स्पष्ट हो रहा है कि शिकायतकर्ता (पीड़ित महिला) ने एक ऐसी ड्रेस पहनी हुई थी, जो यौन उत्तेजक है. इसलिए आरोपी के खिलाफ पहली नजर में सेक्शन 354A का मामला नहीं बनता है. यह भी स्वीकार किया जाता है कि एक 74 साल की उम्र वाला और शारीरिक तौर पर दिव्यांग पुरुष जबरन शिकायतकर्ता को अपनी गोद में बैठा सकता है. इस पर यकीन करना असंभव है.
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साल 2020 का है मामला, केस इस साल जुलाई में दर्ज हुआ
आरोपी सिविक चंद्रन के खिलाफ पीड़िता ने इस साल जुलाई में मुकदमा दर्ज किया था. इसमें कहा गया था कि 8 फरवरी, 2020 को पीड़िता, आरोपी और कुछ अन्य लोग नंदी बीच पर कैंपिंग कर रहे थे. इस दौरान आरोपी ने कथित तौर पर उसका हाथ पकड़ा और उसे जबरन एक सुनसान जगह पर ले गया. वहां उसने पीड़िता को जबरन अपनी गोद में बैठाने की कोशिश की. इसके बाद उसने पीड़िता का शीलभंग करने का प्रयास किया.
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इस मामले में कोएलांडी (Koyilandy) पुलिस ने IPC की धारा 354A(2), 354 और 341 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. हालांकि बचाव पक्ष का दावा है कि यह झूठा आरोप है. बचाव पक्ष ने यह भी दलील दी कि मामला फरवरी, 2020 का बताया जा रहा है, जबकि इस मामले में पीड़िता ने 29 जुलाई, 2022 को मुकदमा दर्ज कराया है. करीब 2 साल की इस देरी का कोई कारण नहीं बताया गया है.
पहले भी यौन उत्पीड़न के एक मामले में आरोपी रहा है सिविक
सिविक चंद्रन पर दूसरी बार यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है. इससे पहले भी एक दलित महिला ने अप्रैल महीने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में गत 2 अगस्त को ही उसे अग्रिम जमानत मिली है. अब दूसरे मामले में भी अदालत ने जमानत दे दी है.
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हालांकि सिविक चंद्रन अब तक पुलिस हिरासत में नहीं है. वह पहला केस दर्ज होने के बाद ही फरार हो गया था और अब तक पुलिस के हाथ नहीं लगा है.
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Sexual harassment केस में जज बोले- पीड़िता की ड्रेस उत्तेजक थी, 74 साल का दिव्यांग जबरन गोद में कैसे बैठाएगा